आसमान से टपक के बांस पे अटक गयेला है अपुन तो?
अरे आवो आवो सर्किट…कबी आयेला तुम?
भाई मै कल शाम कू आगयेला था भाई. और अबी का अबी आपको ब्लाग चर्चा का रस टपका डालता हूं.
पण सर्किट जल्दी करने का..भौत दिन हो गयेला है बाप.
हां भाई अबी लो ना..आप टेंशन नईं लेने का…मनविंदर भिंबर जी बता रयेली हैं उस खबर के अक्षर और उनकी अजमत….और आकांक्षा जी बता रयेली हैं एक आरती के क्रांतिकारी रचयिता...ओम् जग जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे के बारे में..और हिमांशु भाई पढवा रयेले हैं आचार्य शंकर की सौन्दर्य लहरी…अनिलकांत भाई बता रयेले हैं कि कैसे ख़्वाहिशों की शाम ढलती है !! और भाई अपुन के झा जी पढ़ डाली पोस्टें तमाम : चर्चा सरे शाम (चिट्ठी चर्चा ) कर रयेले हैं…और आशीष खंडेलवालजी पूछ रयेले हैं की क्या आप अपनी सारी टिप्पणियां पढ़ना चाहेंगे?
अरे सरकिट…एक मिनट रुकने का…ये आशीष खंडेलवाल जी क्या पूछ रयेले हैं….अपनी टिप्पणीय़ां पढने का?
हां ना…येईच तो पूछ रयेले हैं..
अरे सरकिट..जब अपुन ने टिप्पणीयां आज तक करीईच नईं हैं तो क्या *टा पढने का…तूई बोल ना..
अरे भाई..आप टेंशन नई लेने का…वो तो बस ऐसेईच…पूछ रयेले थे कि जब आप टिप्पणीयां कर डालोगे तो कबी ना कबी तो पढने का होयेंगा ना भाई? इसीलियेईच एडवांस मे बता रयेले थे..
अच्छा एडवांस यानि कि फ़्युचर मे?
हां हाई आप ठीक समझा ना भाई..आप काहे कू टेंशन लेता है भाई ..मैं है ना टेंशन लेने के लिये..?अब आप तो आगे सुनने का… महक जी बोल रयेली है रब्बा भले मैं क्यों ना सोती ही मर जाउँ |..
अरे सरकिट..आज ये क्या हो रयेला है? महक जी को बोलना..ऐसा नईं करने का….
अरे भाई आप काहे कू टेंशन लेता है? वो तो एक गजल सुना रयेली हैं…आप आगे सुनने का..अब मन का पाखी पर रश्मि रविजा जी पीक आवर्स" में मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा करवाते हुये लिख रयेली हैं कि…
ट्रेन अपनी रफ़्तार से दौड़ी जा रही थी.हर स्टेशन पर उतरने वालों से दुगुने लोग चढ़ जाते,मैं थोड़ी और दब जाती.और सीटों पर बैठे लोग तो सब अंतिम स्टॉप वाले थे.मेरी स्टाईलिश सैंडल के तो क्या कहने.जब असह्य हो गया तो मैंने धीरे से सैंडल उतार दी.पर मुंबई कि महिलायें अचानक मेरी हाईट डेढ़ इंच कम होते देख भी नहीं चौंकीं.पता नहीं नोटिस किया या नहीं.पर चेहरा सबका निर्विकार ही था.तभी मेरे बेटे का फोन आया.और हमारी बातचीत में दो तीन बार रेकॉर्डिंग शब्द सुन,पता नहीं पास बैठी लड़की ने क्या सोचा.झट खड़ी होकर मुझे बैठने की जगह दे दी.(शायद मुझे कोई गायिका समझ बैठी:)..मैं थोडा सा ना नुकुर कर बैठ गयी.और सैंडल धीरे से सीट के अन्दर खिसका दिया.मेरा भी अंतिम स्टॉप ही था.सब लोग उतरने लगे पर मुझे बैठा देख,चौंके तो जरूर होंगे,पर आदतन कुछ कहा नहीं.सबके उतरते ही मैंने झट से सैंडल निकाले और पहन कर उतर गयी.
और भाई अल्बेला खत्री पूछ रयेले हैं है किसी के पास कोई जवाब इस सवाल का ?…
अरे सरकिट..अपुन के पास भेज ना उनको? अपुन के पास सब मर्ज की दवा है..
अरे भाई आप काहे कू टेंशन लेने का..मैं अबी का अबी फ़ोन कर रयेला है ना…अबी आप बाकी चर्चा सुनने का…उधर शेफ़ाली पांडे जी कुमाउँनी चेली पर मज़े का अर्थशास्त्र ....
समझा रयेली हैं…
वह कहती है ''मैं अपने पति से हर महीने की पहली तारीख को एक नई साड़ी और एक नया सूट लेकर रहती हूँ , नौकरी नहीं करती हूँ तो क्या हुआ?,आखिर मेरा भी कुछ हक़ बनता है'' हर करवाचौथ पर उसे व्रत करने की एवज़ में एक मुआवज़े के तौर पर सरप्राइज़ में सोने का बड़ा सा गहना ज़रूर मिलता है,
…पारूल…चाँद पुखराज का…… पर पारुलजी आबिदा परवीन -अब किसी रोज़ न मिलने के बहाने आओ सुनवा रयेली हैं…और एलबर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है?..........घुघूती बासूती जी पूछ रयेली हैं…जबलपुर-ब्रिगेड – पर जी.के. अवधिया कह रयेले हैं कि यह कैसे हो सकता है कि जबलपुर ब्रिगेड हो और जबलपुर के बारे में जानकारी न हो…उधर जयपुर से प्रवीण जाखड पूछे रयेले हैं कि ...ये कौन 'पत्रकार' है….अबी अपुन को क्या मालूम भाई…कोई फ़िलिम स्टार का पूछे तो अपुन एक मिनट मे बता देंगा भाई…उधर डाक्टर साहब को कोफ़्त हो रयेली है और अपुन से पूछ रयेले है कि क्या आपको भी कोफ़्त होती है हिंदी के ब्लॉग में रोमन में टिप्पणी पढ़कर ? हां डाक्टर साहब अपुन कू भौत होती है पण क्या करेंगा? भाई लोग तो इदर बी हिंदी के साथ साथ इंगलीश मे बी बूमा बूम ठोकता….अब अपुन ज्यादा बोलेगा तो भाई लोग बोलेगा आज कल चींटी को पांव निकल रयेला है…
"हे प्रभु यह तेरा-पथ" पर महावीर भाई नमस्कार महामन्त्र भाग-१ पढवा रयेले हैं…उधर देशनामा पर अपने तो अपने होते हैं...खुशदीप बता रयेले हैं और भाई इनका स्लाग ओवर सुनने का ..आज तो ललित भाई ने कुछ जवाब दे डाला…जवाब बोले तो हरयाणवी टाईप का जवाब…
स्लॉग ओवर
एक बार ललित शर्मा भाई मॉर्निंग वॉक पर निकले...किसी सिरफिरे ने सड़क पर केले का छिलका फेंक रखा था...ललित भाई को छिलका दिखा नहीं और जा फिसले...पार्क के पास ही एक गधे महाराज घास पर हाथ साफ कर रहे थे...ललित भाई का बैलेंस बना नहीं और वो गधे के पैरों के पास जा गिरे...वहीं एक सुंदर सी मैडम खड़ी थी...मैडम से हंसी रोकी नहीं गई और चुटकी लेते हुए ललित भाई से बोली...क्यों सुबह-सुबह बड़े भाई के पैर छू रहे हो क्या...ललित भाई भी ठहरे ललित भाई...कपड़े झाड़ते हुए उठ कर मैडम से बड़े अदब से बोले...जी भाभी जी...
और संगीता पुरी जी की ये रही मेरी 250 वीं पोस्ट .. आप सभी पाठकों का बहुत बहुत शुक्रिया !!…
अरे सरकिट..संगीता जी को बधाई दे डाल अबी की अबी..और अपुन और मुन्नी मेंटेन की जन्मपत्री बी मिलवा डाल अबी की अबी..
अरे भाई आप खाली पीली काहे कू टेंशन लेता है? अपुन ने पहलेईचई बधाई दे दी ना..और जन्मपत्री तो अपुन खुशदीप भाई कू दे के आयेला है..जन्मपत्री मिलवाने और शादी का मुहुर्त निकलवाने का काम खुशदीप भाई उनके जिम्मे लियेला है..जैसेईच मुन्नी भाभी की जन्मपत्री मिलेंगी…लग्न का मुहुर्त पक्काईच समझिये…और विवेक रस्तोगी आपको बता रयेले हैं बचत खाते से ज्यादा ब्याज कैसे प्राप्त करें, स्वीप इन जमा खाता एक बेहद उम्दा रास्ता..और काजलकुमार जी कार्टून:- जब मुंह दिखाए न बने तो हाथ दिखाओ..और बस काजल भाई के इतना बोलते ई खुशदीप भाई ने ताऊ का पिछला जन्मईच देख डाला "राज ब्लागर के पिछले जन्म के" खुशदीप ने उगलवाया ताऊ की शादी का राज..
खुशदीप : हां हां..ताऊ झंडू, बता बता और आगे चल..अब आई असली बात..जो इस सीरीयल को हिट करवायेगी...
ताऊ झंडू : अब इसके बाद हमने घोषणा कर दी कि हम करेंगे झुनिया से शादी...हमारे इतनी घोषणा करते ही हमारे चेले चमचे जो कि ट्रेंड थे, उन्होने हमारी जयजय कार के नारे बुलंद कर दिये और किसी को कुछ समझ आता उसके पहले ही पंडित चंपू बंदर जी ने झुनिया का हाथ पकडकर हमारे हाथ मे दे दिया और सात चक्कर खिलवा दिये फ़ेरों के नाम पर...बस हमारे इस कार्य कि बहुत भूरी भूरी प्रशंशा हुई. अगले दिन जंगल के सारे अखबार जो कि हमारे ही सेट किये हुये थे...उन्होने जबरदस्त कवरेज दिया और हमारी ख्याति गरीब का मसीहा के तौर पर चहुं और फ़ैल गई.......
और तीसरा खंबा पर कोलकाता में अंग्रेजी बस्ती : भारत में विधि का इतिहास-20…बता रयेले हैं वकील साहब…और अजित वडनेरकरजी शब्दों का सफर पर जल्लाद, जल्दबाजी और जिल्दसाजी के बारे मे बता रयेले हैं…और राजकुमार ग्वालानी राजतन्त्र पर बोल रयेले हैं कि तेरे बिना अब जिया जाता नही..और 'अदा' जी काव्य मंजूषा पर बता रयेली हैं कि मेरा घर मेरे बच्चे.. यानि उनका छोटा बेटा घर आयेला है…
मृगांक शेखर की उम्र १९ साल है और वो USA में मेडिकल स्टुडेंट है.....हमेशा हर चीज़ में अव्वल रहा है चाहे वो खेल का मैदान हो....debate , dramma drawing पेंटिंग , फिल्म making या फिर लीडरशिप ...उसके लिए सबकुछ आसन है.... कनाडियन गवर्मेंट से मेलेनिअम स्कॉलरशिप का भी रेसिपियंत है मृगांक...
और Oops!! What am I thinking!!! पर गुरु आगयेले हैं…
अरे सर्किट एक मिनट…ये तो मेरे को उडनतश्तरी लग रयेली है बीडु?
अरे भाई आप टेंशन नईं लेने का…आप बिल्कुल ठीकईच समझेले हैं..ये उडनतश्तरीईच है..बस ये जरा इंगलिश स्टाईल की है..और भाई ये आदित्य आजकल हट मे रहने लगा है…
अरे सरकिट पण..हट मे काहे कू? इत्ता छोटा प्यारा सा बालक कू हट मे किसने भेजा रे? अपुन को बता..अपुन अबी की अबी खबर ले डालता उसकी..
अरे भाई आप टेंशन काहे कू लेता?..वो ऐसेईच मस्ती मे उधर रहता थोडी देर…पण बाद मे तो उसके दादाजी के पासईच रहता ना…और मुकेशकुमार तिवारीजी बता रयेले हैं कि कोई अकेला तो नही बूढ़ा होता…और अनवरत पर वकील साहब बता रयेले हैं वडनेरकर जी की टाइम मशीन ने कराई भूतकाल की सैर - लगाई गांठें और बनाए गैजेट्स…और अंतर सोहिल ताली बजाना सिखा रयेले हैं..दे ताली…और भाई आपको खोपडा खाली करने का होयेंगा तो ताऊ की चौपाल मे : दिमागी कसरत – 20 करने का जाकर….और आजकी चकाचक और सबसे टिप्पणी जुगाडू पोस्ट है अरविंद मिश्रा जी की क्या विवाहिता को सुश्री कहना अनुचित है?(मायिक्रो पोस्ट)…और ललित शर्मा जी पूछ रयेले हैं कि पनघट मैं जाऊं कैसे?
और पी.सी.गोदियाल जी अंधड़ ! –पर जीवन सच ! बता रयेले हैं… और डॉ टी एस दराल अंतर्मंथन पर आइये आपको सैर कराते हैं, कनाडा के एल्गोन्क़ुइन पार्क की -
इसी ख़ुशी में चलिए आज आपको सैर कराते हैं ओंटारियो कनाडा मेंस्थित एल्गोन्क़ुइन प्रोविंसियल पार्क की।
प्रस्तुत है इस पार्क में बिताई तीन रातों का विवरण ---कैम्पिंग इनएल्गोन्क़ुइन पार्क।
टोरोंटो से करीब ३०० किलोमीटर दूर, ७७०,००० हैक्टेयर में फैलेइस पार्क में जाने के लिए टोरोंटो से नोर्थ की ओर हाइवे नंबर ४००से होते हुए , हंट्सविले होकर जाया जा सकता है। इस पार्क केदक्षिण छोर से होता हुआ एकमात्र हाइवे नंबर ६० , पार्क के अन्दरसे होता हुआ जाता है। बाकी सारा पार्क खाली जंगल है।
जंगल में भालू, भेड़िये , हिरन और मूज़ नाम के जंगली जानवरों की भरमार है।
और Giorgia मेरा बिन्दाज़ हिंदी ब्लॉग
पर घीसू और माधव पढवा रयेली हैं और जो कि बेल्जियम से शायद अकेली ही गैर हिंदी भाषी हिंदी प्रेमी हैं…उनके परिचय मे वो कुछ इस प्रकार लिख रयेली हैं…
Giorgia
graduate in Hindi, Sanskrit and Indian studies (BA), Anthropology (MA) and systems theory (Post-MA),36, married with a fantastic husband, owning a boutique bed&breakfast in Belgium and engaging in different other projects: guiding tours in India, developing a distance education course Hindi for dutchspeakers, creating my own company in new delhi, doing an internship at the moment with a wonderful newspaper "I-Next" in Lucknow etc, etc
और इसके बाद मे पं.डी.के.शर्मा"वत्स" ज्योतिष की सार्थकता पर बता रयेले हैं शनि गोचर भ्रमण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव (17 दिसंबर 2009 से 13 जनवरी 2010 तक).. और भाई इसके बाद मे राज भाटिया जी को पराया देश पर कुछ गलत फ़ेमिली हो गई और उन्होने मुह के छाले को कुछ औरईच समझ लिया..पण बाद मे डाक्टर ने समझाया तब खुदईच बोल रयेले हैं कि जिन्दगी का हिसाब किताब कुछ इस तरह होता होयेंगा…
आशा करता हुं आप सब मुझे माफ़ करेगे बिना बताये जाने के लिये, ओर कल से फ़िर आप सब के ब्लांग पर नियमित हाजरी भरूंगा, वेसे दिन मै कई बार आप सब के ब्लांग पर आता, फ़िर बन्द कर देता, ओर आप सब से निवेदन है कि बिना डाकटर की सलाह के अपने दिमाग मै कभी भी मेरी तरह ऎसी बात मत बिठाये.
कल से सब पहले जैसा चलेगा, क्यो कि अब मुझे ३ जनवरी तक छूट्टियां है, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होने मैरा हाल चाल किसी भी रुप मै जानाना चाहा,ओर मै माफ़ी चाहूंगा कि आप मै से कई लोगो के मेल का जबाब ना दे पाया.
दीपक मशाल मसि-कागद पर आस्तीन के सांप.. के लिये बता रयेले हैं और श्यामल सुमन मनोरमा बोल रयेले हैं वही बात कहो और श्रीश पाठक 'प्रखर' नवोत्पल साहित्यिक मंच पर पूछ रयेले हैं उसे बचाए कोई कैसे टूट जाने से
और अब
अरे सर्किट तो मिश्राजी को बधाई दे डालने का अबी का अबी…
अरे भाई आप काहे कू टेंशन ले रयेला है? मैं दिया ना अबी की अबी उनको बधाई…और भाई पंकज मिश्रा अहसास रिश्तों के बनने बिगड़ने का !!! पर क्रिया कर्म करवाने का खर्च सिर्फ़ ११ रुपये –पन्डित…पर बोदूराम पंडित के कारनामे बता रयेले हैं..
अब तो सोहन सेठ को मुंह मागी मुराद मिल गयी ...और तुरंत तैयार हो गए...क्रिया कर्म संपन्न हुआ तो सोहन सेठ ने बोदूराम को ११ रुपये देकर चरण स्पर्श कर चलना चाहा ...तो बोदूराम ने कहा - जजमान एक बात और है मेरे कर्म कराने के बाद कर्म करवाने वाला व्यक्ति शरीर पर जो कुछ भी धारण किया है उसे देना पड़ता है नहीं तो आगे शनिचर को उसका मौत हो जाता है...सोहन सेठ को तो करंट लग गया करे तो क्या करे?
अंततः सेठ के द्वारा शरीर पर पहने हुये सोने की चन , हीरे की अंगूठी, कडा और और सारे कपडे, यहां तक की अंडरवीयर भी उतरवा लिया ..कुल मिलाकर लगभग १ लाख तक का सामन ऐंठ लिया और सेठ से बोले -
बोलो बेटा पंडित बोदूराम की जय!
सेठ बेडे दबे मन से कहा - पंडित बोदूराम की जय!!!
और अदाजी की गजल मैं ऊँचाइयों का शिकार हूँ…पढिये काव्य मंजूषा पर…और राजकुमार ग्वालानी जी की राज खुला हमारी पिछली टिप्पणियों का-शुक्रिया आशीष खंडेलवाल जी का
… लावण्या जी लावण्यम्` ~अन्तर्मन्` पर बता रयेली हैं भारत में , और विदेशों में भी भारत के सब से ज्यादह प्रसिध्ध नेहरु परिवार के कुछ अज्ञात या कम जाने पहचाने सदस्यों के बारे में और कुछ कवितायेँ भी ... वाणी गीत ज्ञानवाणी पर बता रयेली हैं दिल और दिमाग की कहासुनी हिमाशु भाई चर्चा हिन्दी चिट्ठो पर बता रयेले है कि मैं रुका रहा किसी बाँस की डाली की तरह.. (चर्चा हिन्दी चिट्ठों की )….
और भाई अब रामप्यारी की पहेली आज जीत ली है फ़र्रुखाबादी विजेता (147) : प.डी.के.शर्मा "वत्स" बन गयेले हैं…
अरे तो सर्किट पण तू ये मंदिरा बेदी की फ़ोटो काहे कू दिखा रयेला है बाप?
अरे भाई येईच तो वो फ़ोटो है जिसकी आंख पहचान कर वत्स जी आज के फ़र्रुखाबादी विजेता बन गयेले हैं..
ओहो..अबी समझा..
अच्छा भाई अब अपुन चलेगा..क्या? आज जुम्मा है ना और जुम्मे को अपुन हफ़्ता वसूली करता है ना..नईं तो लोग निकल जायेंगे…मैं अबी की अबी गया और अबी की अबी हफ़्ता वसूली करके वापस आता है ना भाई…
31 टिप्पणियाँ:
बहुत ही बेतरीन और विस्तृत चर्चा !
19 दिसंबर 2009 को 5:05 pm बजेबहुत इकट्ठा कर लेते हैं आप । पहुँच जबरदस्त है ।
19 दिसंबर 2009 को 5:33 pm बजेसुंदर चर्चा।
19 दिसंबर 2009 को 5:51 pm बजे------------------
जल में रह कर भी बेचारा प्यासा सा रह जाता है।
जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
बहुत मेहनत का काम किया है ,भाई।
19 दिसंबर 2009 को 5:56 pm बजेअच्छा लगा ये चर्चा पढ़कर।
लगे रहो।
तुम्हारा चर्चा रहा है चर्चित
19 दिसंबर 2009 को 6:05 pm बजेधन्यवाद मुन्ना भाई सर्किट
चर्चा है हिट - भाई सर्किट
19 दिसंबर 2009 को 6:15 pm बजेसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
मुन्ना भाई-सर्किट,
19 दिसंबर 2009 को 6:27 pm बजेआज पता चलइच के ब्लॉग भाई लोग तुम दोनों के बगैर क्या मिस करे ला था...आते ही झकास चर्चा ठोक डाला बीडू़...लिंक का पूरा सुपर मार्केट खोल डाला...खुशदीप भाया का दोनों के लिए जादू की झप्पी...
जय हिंद...
बॉस,
19 दिसंबर 2009 को 8:58 pm बजेक्या मस्त चर्चा कियेला है....अपुन अपना आँखीं का फोकस बरोबर साफ़ रखता है की कबी तुम आयेंगा और झकास चर्चा का पोस्टिंग लगायेंगा
...बोले तो क्या सोलिड एंट्री मारेला है बाप...तुम्हारा चर्चा का स्कोप बोले तो एक दम रापचिक.....इधर में अक्खा पब्लिक है बीडू....क्या नया..... क्या पुराना...सब किसिम का चर्चा है.....एकदम फुलटास....तबी तो दूसरा चर्चा लोगों का वाट लगेली है.....
तुम मस्त बन्दा है....गैंग-शैंग में नहीं जाता है....ऐसाइच रहने का ....चाहे कुछ भी हो जाए.....चिटठा- चर्चा करने का......ब्लॉग रोल चर्चा नहीं करने का....
और खुशदीप जी से और जादू का झप्पी लेने का.....बोलने का 'अदा' बोल रहेली है....हा हा हा
बढ़िया चर्चा रही....ख़ास अंदाज़ में
19 दिसंबर 2009 को 9:48 pm बजेफ्यूज बढियां जुड़ा है , सर्किट सही है !
19 दिसंबर 2009 को 10:06 pm बजेबस लगे रहो मुन्ना भाई !
19 दिसंबर 2009 को 10:31 pm बजेबड़ी सॉलिड कवरेज की भई..मजा ही आ गया, एक दो छूटे चिट्ठ्रे भी यहीं से फेरा लगा लिए. धन्यवाद!!
19 दिसंबर 2009 को 11:12 pm बजेसर्किट्! भाई को बोलना कि अभी तारा अस्त हो चुका है....इसलिए विवाह के लिए दो महीने अभी इन्तजार करे । बस तब तक हर रोज चर्चा किया करे :)
19 दिसंबर 2009 को 11:20 pm बजेबहुत मेहनत से की गयी चर्चा .. बहुत बहुत धन्यवाद !!
19 दिसंबर 2009 को 11:27 pm बजेदो पंक्तियों में सारा सार चिट्ठी चर्चा हुई तैयार
20 दिसंबर 2009 को 12:35 am बजेफोटो तो बड़ी हॉट चिपकाए हो सर्किट लगता है
अगले साल २४-१२-२०१० को जबलपुर बुलाना पडेगा
बोले तो 'कुरकुरे', 'चरपरे' मिला के तैयार की गयी मसालेदार 'भेल '
20 दिसंबर 2009 को 1:17 am बजेमजेदार.. मस्त चर्चा
20 दिसंबर 2009 को 6:26 am बजेअपुन बोल रेला है भिड़ु एकदम झक्कास चर्चा कर रिये हो तुम भाई लोग।
20 दिसंबर 2009 को 7:00 am बजेलाजवाब चर्चा- नहीं छोड़ा कोई पर्चा
20 दिसंबर 2009 को 7:38 am बजेचर्चा अच्छी लगी।
20 दिसंबर 2009 को 8:14 am बजेक्या मुन्ना भाई , किदर था इत्ते दिन..अपुन को कितनी सौलिड फ़िकर टाईप की हो रेली थी मालूम , ये सर्किट को पूछा तो बोला भाई किदर भी होएंगे ....रेडियो शेडियो पर बोल रेले होंगे । क्या भाई .....अबी तुम आया तो देखो क्या रापचिक, डमाडम, ढिंच्चक चर्चा हो गएली है .....॥
20 दिसंबर 2009 को 8:19 am बजेवाह छा गयेले हो सर्किट भाई, कमाल की बातचीत है आपकी और मुन्ना भाई की. चर्चा से ज्यादा आप दोनों कि बातचीत मे आनंद आता है. सप्ताह मे इसकी आवृति बढायें.
20 दिसंबर 2009 को 8:34 am बजेरामराम.
bahut mehnat se ki gayee Rochak charcha.
20 दिसंबर 2009 को 9:10 am बजेAbhaar
mehanat saaf jhalak rahelii hai re (:
20 दिसंबर 2009 को 12:21 pm बजेमजेदार चर्चा की है।
20 दिसंबर 2009 को 12:35 pm बजेबहुत दिनों में चर्चा लेकर आये ...मगर भरपूर लाये ....बिलकुल मुन्ना भाई के माफिक काम कर रिएला है बॉस ...आभार ....!!
20 दिसंबर 2009 को 1:15 pm बजेसर्किट की चर्चा वाकई दिमाग को सरका डालती है बाप... उपर से नीचे तक एक बार मे पढनी पडती है. इस चर्चा का प्रस्तुतिकरण सर्वोत्तम है. इसी तर्ज पर चालू रखिये..
20 दिसंबर 2009 को 1:34 pm बजेSAR Full Form
7 जून 2019 को 8:22 am बजेCPU in Hindi
Keyboard in Hindi
Roaming in Hindi
Virtual Reality in Hindi
Wireless Communication in Hindi
File Extension in Hindi
OLED in Hindi
7 जून 2019 को 8:22 am बजेMagnetic Disk in Hindi
Optical Disk in Hindi
Pen Drive in Hindi
Spooling Meaning in Hindi
Hard Disk in Hindi
VSAT in Hindi
Ethernet in Hindi
Indore Rajwada
9 जुलाई 2019 को 12:20 pm बजेTirupati Balaji Mandir
Lonavala Khandala
Digha Beach
Janeshwar Mishra Park
Mount Abu
Bijli Mahadev
Duniya Ki Sabse Mehngi Car
Ahilyabai Holkar
LPG Gas in Hindi
9 जुलाई 2019 को 12:20 pm बजेApple in Hindi
IPS Kaise Bane
Indian History in Hindi
Sardar Vallabhbhai Patel In Hindi
Gyan Ki Baatein
Life Quotes in Hindi
Gwalior Ka Kila
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