रविवार, 20 दिसंबर 2009

"बिट्टू बावल्यो" कूद पड्यो ब्लाग चर्चा में!

बिट्टू बावल्यो

पहली तो मैं था सबने परणाम कर आपणो परिचय बता द्य़ूं.. मैं हूं बिट्टू बावल्यो, वीरभूमी राजस्थान स्यूं। बिलाग मायं मनै घणो इंटरेस्ट है और आ चरचा मैं आपणी अंगूठा टेक घरआळी बिन्नी ने सुणाबा ताईं कर रह्यो हूं।

तू सुण रही है न बिन्नी..

तो सुण- जैंया आपणै गांव री चौपाल भरै है, वैंया ही यो ताऊ रोजिना चौपाल भरै है. ई चौपाल माय तो दिमागी कसरत भी है और घणो चोखो मजमो लागे है..

ताऊ की चौपाल मे : दिमागी कसरत – 22

मेरे प्यारे भक्त जनों, ताऊ की चौपाल मे मैं स्वयंसिद्धा माँ चैतन्या रामप्यारी साहिबा आपका स्वागत करती हुं. ईश्वर की अनुकंपा से आपका कल्याण हो. ताऊ की चौपाल मे सांस्कृतिक, राजनैतिक और ऐतिहासिक विषयों पर सवाल पूछे जाते रहे हैं. आशा है आपको यह प्रयास अवश्य पसंद आया होगा. अब बीच बीच मे (और रविवार को पक्का) मैं प्रवचन देने ताऊजी डाट काम पर आती रहूंगी. आपका दिन शुभ हो. आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हों, यही माताजी का आशिर्वाद!
भक्त जनों जोर से बोलिये स्वयंसिद्धा माँ चैतन्या रामप्यारी साहिबा की जय!

अठै तो मोट्यार भी है अर लुगायां भी.. आपां भी चालैलां

निर्मला जी तो आज वीर बहुटी माय छोटी सी बात कहता कहता ही घणी बड़ी बात कह गी। अर आपणा रतन जी कतरा काम की बात सिखा रह्या छै कि उबुन्टू में Evolution Mail कॉन्फ़िगर कैसे करें ?.. वैयां ये सब चीजां थारै जसी अंगूठा टेक ताईं कौनी।

पण तू या तो समझ जावैली न...

कैसी कीनी प्रीत बलमवा ? प्रेम-प्रीत की बात माय आखर पढ़बा की जरूरत कोनी पडै।

बीणनी तनै तौ पतो हि है कि थोड़ा टेम पहली ही आपणे नगर निगम रा चुनाव हुया हा। लै अब ईने सुण और समझ कि तू जीने वोट डाली वो काईं काईं करस्यी.. नगर निगम और न्यायालयों का स्वरूप : भारत में विधि का इतिहास-22

या लै.. ईने सुण.. जवाब नहीं बी एस पाबला का ...... ..... मैं खी कि पाबला जी को जवाब अय्यां ही थोड़ै ही मिलेलो.. पेली सवाल तो ल्याणो पड़सी न.. तू सवाल-जवाब की मत सोच.. तू तो हिमांशु जी की आ पोस्ट पढ़.. तनै खूब अच्छो लागैलो

करुणावतार बुद्ध -7

लै तू मनै एक दिन गधो बताई ही न... लै अब देख .. खुशदीप जी जस्यान का बिलागर भी काईं लिख रह्या है अपुन गधे ही भले...खुशदीप

अपुन गधे ही भले
कभी गधे को गौर से देखो
मासूम, ज़माने से डरा चेहरा
मक्कारी का नामोनिशान नहीं
शायद इसीलिए वो इंसान नहीं
गधा कभी प्रैक्टीकल नहीं होता
कोई कुछ कहे रिएक्ट नहीं करता
गधा उम्र भर गधा ही रहता है
काश वो अक्ल के घोड़े दौड़ा पाता
इंसान को इंसान से भिड़ा जाता
फिर कोई उसे गधा क्यों कहता


सोच रहा हूं खुद तन्हा बैठा
लोग मुझे गधा क्यों कहते हैं...

अर साथ ही ये भी जाण लै कि कुण ने काईं सम्मान मिल्यो ..श्रेष्ट ब्लॉगर सम्मान श्री महेंद्र मिश्र को (चर्चा हिन्दी चिट्ठो की

आज घणी चोखी चोखी पोस्ट दिख री है मनै. या तो तू चोरी की मया सुण लै या KENNY ROGER'S SONG...LUCILLE.....संतोष शैल की आवाज़ में... गाणो सुण लै अर मने खुद को खुद से छलता पानी....का मजा लैबा दे

अब आगै चालां? चाल तू उपन्यास का अंश भी पढ़ सकै है

सूर्यपुत्र महारथी दानवीर कर्ण की अद्भुत जीवन गाथा “मृत्युंजय” शिवाजी सावन्त का कालजयी उपन्यास से कुछ अंश – ३२ [कर्ण का अन्तर्द्वन्द….]

लै तने आज शाम नै चूल्हो बाळबा की जरूरत कोनी

आज शिखा वार्ष्नेय तथा यूनुस खान का जनमदिन है

तो शाम ने अठै ही दाल बाटी रो जीमण है

तू काल टेलीविजन माय वो पिछला जन्म आलो सीरियल देख अर डर गी ही न.. लै ब्लॉगर माया तो आगला जन्म की बाता हो री है- राज !! अगले जन्म का? अर देख लै कि कुणके साथ अस्यो कोनी होवे

आपके साथ भी ऐसा होता है क्या ? (:

बीनणी तू अय्यां कर रसोई मं देख कर आ कि बिल्ली दूध तो न पी गी ... या पोस्ट थारै बई कोनी .. ईने मैं मन माय ही पढूलो.. 'नारी' की चिंता में दुबले कुछ ब्लॉगर मित्र !

लै देख कतरो बढ़िया कार्टून बनायो है.. थारे जस्या अंगूठा टेक बिलागर रो भी अठै घणो ध्यान राख्यो जावै है..

कार्टून:- लंबे हैं रे बंधू ये जीवन के रस्ते..

अर अगर तू या पोस्ट सुण ली तो फेर म्हारी खैर कोनी, ई लिए मैं ईने थारे सामने कोनी पढूला -


क्या नारी ही गृहिणी हो सकती है पुरुष हाऊस हसबैंड नहीं… क्या पुरुष को नारी का स्थान ले लेना चाहिये..
.. जो ईने घरआली के सामने पढ़ लिया और अब तक सही सलामत है वाके ताईं तो या ही कहनो पड़ेलो जाको राखे साईयां

देख ई वास्ते तनै धूजणी छूट री है- मेरे शहर में बर्फीला तूफान! अर ई पोस्ट पढबा के पाछे आपां ट्रेक्टर ने ही कार बनाबा का जतन करैला- कार के प्रकार [इस्पात नगरी से - २१]

थारै ताईं सबस्यूं जरूरी पोस्ट क्या आप खर्राटे लेते हैं 2 या है. अर सब नै जल्दी सूं घणो धन्यवाद बोल दै.. नहीं तो सब आपां ने कहवेला कि हम सब स्वार्थी हैं

और या देख दिगंबर नासवा जी कंई केवे जितनी चादर पाँव पसारो..समझगी ना? और चौकस रहबा को तरीको सीखले लविजा से हमेशा इफेक्टिव रहने वाला तरीका

Laviza

उस दिन घर पर खेलते खेलते मेरी नज़र कपडे धोने वाले साबुन पर पड़ गयी. अब ऐसे तो हो नहीं सकता ना की मैं उसे उठा कर थोड़ी जांच पड़ताल ना कर लूं :)

तो मैंने उठा लिया और उसका रैपर उतार कर जांचने के लिए जैसे ही मुंह में लेने वाली थी की मम्मी ने देख लिया और साबुन मुझसे लेकर ऊँचाई पर रख दिया.

और अब आखिर म सुण ले…अदा जी कंई केवे है बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी...

रात के तीन बजे हैं यहाँ Canada में...नींद खुल गयी मेरी...मेरा लैपटॉप बगल में था...अब तो आँख खुलती है तो भगवान् भी बाद में याद आते हैं पहले अपनी पोस्ट याद आती हैं..रश्मि का मेल था उसको जवाब दे दिया....रश्मि ने जागने के लिए फटकार लगाईं और विवेक जी का लिंक भेज दिया....कल से कुछ पढ़ नहीं पाई थी....पढ़ा तो माथा ही फिर गया...हमारे देहात में कभी एक कहावत सुनते थे बाबा कहा करते थे.....'तुमलोगों ने बन्दर के घाव कि तरह गींज कर रख दिया है'... मुझे भी लगा कि 'नारी' और 'नारी सम्बन्धी' बातों को ब्लॉग जगत ने भी गींज कर रख दिया है..... जिसका जो जी में आ रहा है कहता ही चला जा रहा है...हम नारी न हुए पंचिंग बैग हो गए....यूँ लग रहा है....पूरा ब्लॉग जगत ही भड़ासियों का कोना हो गया है....नारियों का अपमान खुले दिल से लोग कर रहे हैं.....टिपण्णी करने वालों से गुजारिश है...कृपया भद्र भाषा का प्रयोग करें.....किसी भी तरह का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा...अगर आपको यह आलेख नहीं पसंद है तो टिपण्णी ही मत कीजियेगा..

हां तो बिन्नी अब तू घर को काम अर मैं चाल्यो दूकान…बाकी चर्चा मैं तन्ने कल सुनाऊलों…

31 टिप्पणियाँ:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

इब तो अठै बावळा भी स्याणा हो ग्या, बड़ी चोखी चर्चा करी थे। थाने घणी-घणी बधाई, थारु चुलियो न्यु्तो हे, थे पधारो म्हारे घरां, बिंद्णी नै भी सागै ल्याओ औ र दाळ बाटी चुरमा रो सुवाद ल्यो।
राम राम

20 दिसंबर 2009 को 8:01 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

ललित जी थानै बिट्टू बावल्या री परणाम. आपरो न्युतो कबूल लियो सा...बेगा आस्यां थारै कन्नै. बिंदणी तो म्हारै सागै ई आवेली.

20 दिसंबर 2009 को 8:12 pm बजे
Udan Tashtari ने कहा…

ये तो बड़ा ही मस्त स्टाईल निकाला चर्चा करने का बिट्टू बावल्यो ने....चर्चा इतनी रोचकता ले लेती है इन विभिन्न स्टाईलों से...आनन्द आ जाता है. वाह!! बहुत बढ़िया...

खींचे रहो महौल- बिट्टू बावल्यो!!!

20 दिसंबर 2009 को 8:34 pm बजे
Khushdeep Sehgal ने कहा…

बिट्टू बावल्यो पधारो ब्लॉगिंग के देस...बिन्नी बावली संग चोखा रंग जमायो से...रंग रंगीला राजस्थाण...चर्चा की आण, बाण और शाण...जुगो जुगो जियो राणा जी...

जय हिंद...

20 दिसंबर 2009 को 9:22 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ उडनतश्तरी जी,

आपरो घणा स्वागत ईं राजस्थानी चर्चा मायने...आता रीज्यो सा.

20 दिसंबर 2009 को 9:29 pm बजे
Arvind Mishra ने कहा…

बड़ी सुघन राजस्थानी माँ चर्चा !

20 दिसंबर 2009 को 9:30 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

खुशदीप भायाजी....रंग रंगीला राजस्थाण...और इस की आण, बाण और शाण..न सराहने खातिर आपरो घणो धन्यवाद. पधारता रीज्यो सा...

20 दिसंबर 2009 को 9:30 pm बजे
Gyan Darpan ने कहा…

अरे वाह रे बिट्टू बावला ! थू तो भौत सांतरी बातां कर दी ! थनै बावलों नाम कुण दे दियो थू तो भौत स्याणों टाबर दिखै है ! थारी चर्चा भौत चोखी लागी , रोजीना बिनणी न ऐ डी ही ब्लोगां री बातां सुणाया कर वा भी था र सूं भौत खुश रेवैली !

20 दिसंबर 2009 को 9:34 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ अरविंद मिश्रा सा. परसंशा करण वास्ते आपरो आभारी हूं सा...आता रीज्यो..और हिम्मत बंधाता रीज्यो...

20 दिसंबर 2009 को 9:42 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ रतन सिंह जी शेखावत सा. आपरे पधारणे को घणो धन्यवाद सा. आप युंई परसंशा करता रेओगा तो यो बिट्टू बावाल्यो भी स्याणो हो ज्यासी और बिंदणी न रोज ई चर्चा सुणाता रहस्यूं सा...बेगा ओटा पधारज्यो सा.

20 दिसंबर 2009 को 9:45 pm बजे
दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

जोग लिखी हाड़ौती का हिरदा कोटा सूँ। सिरीमान बिट्टू बावळ्या जी के ताईँ दिनेसराय दुबे को राम राम बंचणा जी। अठे राम जी की किरपा सूँ सब मजा में छे। पण उँठी तनिक गड़बड़ लागे छे। एक बणा अर एक भाया को जनमदन छे अर दाळबाटी मँ ही नमटा रिया छो। चूरमा को काँईं होवेगो। आज क्हाल तो देसी दाणादार गुड़ घणो आ रियो छे। बढ़िया देसी घी मँ गुड़ का कत्त छणबा दो नं।
काँई भी क्हो, पण या राजस्थानी बघार की चरचा दाळ मँ मजो आग्यो।

20 दिसंबर 2009 को 9:47 pm बजे
Himanshu Pandey ने कहा…

हम तो निपट गँवार ठहरे ई चर्चा के बोली माँ टिप्पणी के वास्ते !
हाँ, अपनी बोली में कहें तो ई चर्चा मस्त है जी ! सोंधी महक है भई इस चर्चा में राजस्थानी/मारवाड़ी की ।

20 दिसंबर 2009 को 10:38 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ दिनेसराय जी दुबे, आपारा पधारबा को घणो धन्यवाद सा. देसी दाणादार गुड़ बढ़िया देसी घी मँ गुड़ का कत्त छणबा खातर आपरे अठे पधारांगा सा. आपरी घणी मेहरवाणी. पधारता रिज्यो वकील सा. आ मारवाडी चर्चा आपरे भरोसे ई शुरु करी सै सा..आपरो पूरो सहजोग लागसी.

आपरो

बिट्टु बावल्यो

20 दिसंबर 2009 को 11:04 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ हिमांशु जी, आपरा पधारणे रो घणो धन्यवाद सा..देशी भाषा री महक आप जिसा गुणी सज्जन ई महसूस कर सकै हैं सा.. आपरो आशिर्वाद हमेशा ई चाहियेगो सा.

20 दिसंबर 2009 को 11:06 pm बजे
ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बिट्टू बावल्या जी कती चाल्हे से पाड दिये भाई. तन्नै बावले कहण आले बान्वले दीख रे सैं मन्नै तो.
गजब चर्चा करी सै भाई. बहुत सौंधी सौंधी महक आण लागरी सै. आपणी देशी भाषा राजस्थानी रो मान बढाण के लिये आपको घणी बधाई और शुभकामनाएं. शायद राजस्थानी भाषा मे ये पहली ही चर्चा है. और इसका श्रेय आपको जाता है.

रामराम.

20 दिसंबर 2009 को 11:12 pm बजे
संगीता पुरी ने कहा…

वाह हर रोज नया स्‍टाइल .. बहुत बढिया !!

20 दिसंबर 2009 को 11:13 pm बजे
Smart Indian ने कहा…

बिट्टू बाव्ल्यो जी, राजस्थानी भाषा में चर्चा कारन तायीं तन्ने घनी बधाई!

20 दिसंबर 2009 को 11:14 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ ताऊ जी
आपरा पधारने को घणो धन्यवाद. म्हारी आत्मा परसन होगी आपरा आबा सै. आपरी किरपा और आशिर्वाद चहिये सा. देशी भाषा को मान बढाण वास्ते आप पधारया, इंकै लिये घणॊ धन्यवाद. आता रीज्यो ताऊजी सा.

20 दिसंबर 2009 को 11:16 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ संगीता पुरी जी

आपरा पधारणे रो घणो आभारी हू सा. किरपा बणाई राखियो सा. फ़ेरूं पधारियो सा.

20 दिसंबर 2009 को 11:18 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन (अनुराग शर्मा जी सा.) आपरा पधारणे को घणो धन्यवाद, देशी भाषा को मान बढाबा वास्ते आप पधारया, ईंका वास्ते आपरो घणो आभारी हूं सा. ओज्यूं बेगा पधारज्यो सा.

20 दिसंबर 2009 को 11:20 pm बजे
रंजन ने कहा…

ल्यो.. बावलों चर्चा कर ग्यो.. ने म्हाने बैरो इ नी पड्यो... मस्त मारवाड़ी ले र आयो रे भायला.. मजो आईग्यो आज तो.. पाछो बेगा आयैजो सा...

20 दिसंबर 2009 को 11:44 pm बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ रंजन भायेला, आप रो पधारणे को घणो धन्यवाद, आता रीज्यो भाईजी. आपरे आणे और उत्साह बढाणे से ईं आ म्हारी देशी भाषा उन्नति कर सकैं हैं. आपरो सहयोग और समर्थन हमेशा लागसी.
बेगाई पधार ज्यो. मैं तो तावलो ई वापस आसूं अगली चर्चा लेकर.

थारो भायेलो

बिट्टू बावल्यो

20 दिसंबर 2009 को 11:53 pm बजे
Alpana Verma ने कहा…

Waah! Waah!
Apni Raampyari yahan bhi hai..
yah naya andaz charcha ka nirala hai!

21 दिसंबर 2009 को 2:29 am बजे
स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

अरे छोरा,
बावला हो गयो के..!!
मन्ने ये भासा कोणी आवे है....मेरे प्राण लवण वास्ते यो चर्चा चलाई के...??
पण चोखी है चर्चा...ये पक्की बात सै...
म्हारी भासा थोड़ी गड़बड़ है भाया....
बोलूं कम ज्यास्ती समझ...
राम राम....

21 दिसंबर 2009 को 2:42 am बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ अल्पना वर्माजी

आपरा पधारणे को घणों धन्यवाद सा. हिम्मत और हौंसला बंधाता रिज्यो सा.

21 दिसंबर 2009 को 10:01 am बजे
बिट्टू बावल्यो ने कहा…

@ अदा जी,

चर्चा पसंद करण वास्ते ई छोरा बिट्टू बावल्या को परणाम सवीकार करो सा. उत्साह बढाता रीज्यो सा.

21 दिसंबर 2009 को 10:02 am बजे
पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

Bahut khoob !

21 दिसंबर 2009 को 12:11 pm बजे
Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

लो करल्यो बात्!
इसी चोखी चर्चा करणा किसी बावले के बस की तो बात कोणी भाई.......

21 दिसंबर 2009 को 3:21 pm बजे
Paise Ka Gyan ने कहा…

Bad Sector in Hindi
Printer in Hindi
OTG in Hindi
ERP in Hindi
Facebook in Hindi
Binary in Hindi
Software in Hindi

7 जून 2019 को 8:22 am बजे
Paise Ka Gyan ने कहा…

Benchmark in Hindi
Artificial Intelligence in Hindi
Zip in Hindi
UPS in Hindi
SMPS in Hindi
Encryption in Hindi
Ping in Hindi
IMEI Number in Hindi

7 जून 2019 को 8:23 am बजे
Paise Ka Gyan ने कहा…

Digital Signature in Hindi
Gmail in Hindi
SQL in Hindi
Output Devices in Hindi
Utility in Hindi
FTP in Hindi
Browser in Hindi
HTTP in Hindi

7 जून 2019 को 8:23 am बजे

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