सोमवार, 21 दिसंबर 2009

आ रयेले हैं चर्चाकार ठनठन गोपाल बुंदेलखण्डी

अरे सर्किट..कबी आयेंगा तुम? अबी आज का चर्चा नईं सुनाने का है क्या बीडू?

अरे भाई चर्चा तो सुनायेंगा ना…पण आज वो ठनठनगोपाल बुंदेलखंडी आ रयेला है…उसी का ईतंजार कर रयेला है भाई अपुन टेशन पे…

अरे तो सर्किट ..ये बता कल वो बिट्टू बावल्यो आयेला था …वो किदर कू गयेला?

अरे भाई उसको तो मैने टेशन पे जयपुर रवाना कर दियेला है..

काहे कू रवाना कर दियेला तूने? कित्ती मस्त राजस्थानी चर्चा सुना रयेला था वो?

भाई उस को काम था अबी वो जल्दी ही वापस आयेंगा..तब तक ठनठन गोपाल बुंदेलखडी आपको चर्चा सुनायेंगा ना…आज अभी शाम तक उसकी गाडी आयेंगी..तब तक मैं सुनाता ना भाई आपको आज की चर्चा..

हां तू ही सुना डाल सर्किट..

लो सुनो भाई…वो गगन शर्मा जी बता रयेले हैं आस्ट्रेलियन दंपति ने बनाया “मन चाहे फल देने वाला पेड़” …जब जौन सा काने का होयेंगा तब वोईच तोड के खा लेने का भाई..उधर संगीता पुरी जी पूछ रयेली हैं एक ही दिन विज्ञान और ज्‍योतिष में दिलचस्‍पी रखने वाले दो लोग कैसे जन्‍म ले सकते हैं ?? ..अबी अभी मैं क्या बतायेगा भाई?

 

और उधर अल्बेला खत्री जी लाफ़्टर के फ़टके दिखा रयेले हैं भाई लीजिये दोस्तों ! जिन्होंने नहीं देखा, वे अब देख लीजिये albela khatri in LAUGHTER KE PHATKE…  और पाबला जी बता रयेले हैं iNext पर, ब्लॉगिंग से बन रहे ई-रिश्ते और ब्लॉगर मीट की बातें…. और भाई उधर महफ़ूज अली शायद खिसक गयेला है भाई.खुदईच जाके देख डालने का भाई आप सबका प्यार और आशीर्वाद.... मेरा आभार...और मिलिए मेरी सन्यासन गर्ल फ्रेंड से....: महफूज़….

ए सर्किट ..ये क्या ज्यादा तेज चल रयेला है क्या?

नही भाई…वो आजकल बाबा समीरानंद आश्रम मे भर्ती होगयेला है…

अरे वहां तो सारे छंटे हुये बाबा लोग इकठ्ठे होगयेले हैं…इस बालक  की भगवान रक्षा करें….इन बाबाओं से…

 

मैं उन् लोगों का भी शुक्रगुज़ार हूँ.... जो मुझे गन्दी टिप्पणियां लिखने के लिए मजबूर करते हैं.... (शोर्ट टेम्पर्ड जो ठहरा..) उनकी अपेक्षित प्रतिक्रिया से मेरी कार्य उर्जा में बढ़ोतरी होती है. और मेरे शुभचिंतक मेरी कथित खराब टिप्पणियों को पढने के बावजूद भी मुझे समझते हुए स्नेह कि बारिश करते हैं.. मेरे साथ प्रॉब्लम सिर्फ यही है कि अगर कोई मुझे बिना मतलब में खराब बोलता है.... तो उसको मेरा खराब वाला रूप ही  देखना पड़ेगा.... मेरा एक उसूल है आप मुझे झापड़ मारोगे तो मैं गोली मारने में विश्वास रखता हूँ.... आप मुझे एक गाली दोगे तो सौ सुनेंगे.... मैं अपने दोस्तों कि बेईज्ज़ती कभी नहीं बर्दाश्त कर सकता ...चाहे वो रियल वर्ल्ड के हों  या फिर वर्चुअल के...

 

 

 

उधर उच्चारण पर "दो मुक्तक" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक") सुना रयेले हैं….राजीव तनेजा जी ने चेहरा छुपा दिया है हमने नकाब में-27 …और विवेक रस्तोगी पूछ रयेले हैं कविता की दो लाईनें जो मेरे परम मित्र ने मुझे सुझाई …. आईये इस कविता को पूरी करने में मेरी मदद करें…

अरे सर्किट..अपुन को बता..अपुन बता डालेगा ना अबी की अबी..

हां भाई वो लाईन हैं..

मत लो अंगड़ाईयाँ
वरना हम पर भी असर हो जायेगा

अरे सर्किट बिल्कुल सिंपल है रे…बीडू.. बच्चे को सुला डालने का और क्या? अगली लाईन सुनने का….

बेटा जल्दी से सोजा

नही तो गब्बर  आ जायेगा

 

अरे वाह भाई वाह..आप तो कमाल का शायरी कर दिया भाई…आपका बी एक ब्लाग बना डालता हूं भाई..टिप्पणीयों का बाढ आजायेगा भाई….और नही बी आया तो अपुन चाकू दिखा के ढेर लगवा देगा भाई..आप टेंशन नईं लेने का..अब आगे सुनने का…

 

अरविंद मिश्रा जी का  बोल रयेले हैं आज मन कुछ भडासी हुआ….

अरे सरकिट तो चिंता नईं करने का..सब कुछ उगल डालने का ना..भाई के सामने आके…

ये आप ठीक बात बोल रयेले हैं भाई… इसका बाद मे वो राज भाटीया जी दिलीई आरयेले हैं तो दिल्ली वालो कुछ मदद तो करो ना? ऐसा बोल रयेले हैं भाई…और अब अपुन के झा जी बता रयेले हैं मैं ब्लोग पोस्ट ऐसे पढता हूं .....और आप !  

अरे सर्किट…अपुन तो साला अंघूठा छाप है..अपुन कैसे पढेगा रे?

अरे भाई आप टेंशन नईं लेने का..मैं है ना आपके पास… और फ़िर अपुन के वकील साहब एक गाली चर्चा : अपनी ही टिप्पणियों के बहाने सुना रयेले हैं…दीपक मशाल 'बुद्धा स्माइल'@@@@@दीपक मशाल पूछ रयेले हैं…

 

और भाई  दिलीप कवठेकर  दिलीप के दिल से - 13 पर   राज कपूर और शैलेंद्र... दोस्त दोस्त ना रहा...  के बारे मे बता रयेले हैं…

ये गीत मुझे कई कारणों से बहुत ही दिल के करीब लगता है. मेलोडी के बादशाह संगीतकार शंकर जयकिशन के संगीत में निबद्ध इस गीत में मित्र और पत्नी के लिये नायक के भग्न हृदय के कातर विचारों को बहुत ही असरदार तरीके से भाव प्रवीण बोलों में पिरोया है कविश्रेष्ठ शैलेंद्रजी नें और उन संवेदनाओं को ,उस चुभन को भीगे हुए स्वरों में अनुनादित किया है मुकेशजी नें , जिसके कारण यह गीत एक कालजयी गीत बन गया है.
मगर अगर आपने फ़िल्म देखी हो, तो ये भी कहना पडेगा कि राज जी नें वाकई में इस गीत में अपना दिल और उसके इमोशन्स उंडेल कर रख दिये हैं. आप देखिये , ये गाना पिक्चराईज़ करना बहुत ही मुश्किल होना चाहिये था. दर्शक से खुद राज जी गीत के माध्यम से रू ब रू होते हैं, अपने नज़रिये से, अपने दिल के ज़ख्मों को बयान करते हुए.

अल्पना वर्मा जी  गुनगुनाती धूप..  पर मैनें अपनो से ज़्यादा औरों से प्यार किया था  सुनवा रयेली हैं जिसमे गीत, संगीत और स्वर राजा पाहवा जी का है…

 

मैनें अपनो से ज़्यादा औरों से प्यार किया था'
मुझको डूब ही जाना था,लहरों से प्यार किया था,
मैं ने अपनो से ज़्यादा...............
मेरे दिल बरबादी पर रोने की बात नहीं है,
तूने हद्द से ही कुच्छ ज़्यादा गैरों से प्यार किया था..
मैं ने अपनो से ज़्यादा......

 

 

लिफाफेबाजी और उधार की रिकवरी  करने का तरीका बता रयेले हैं अजित वडनेरकर जी…  और गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल'  जबलपुर-ब्रिगेड – पर ललित जी के मोहल्ले के भाग्यशाली लोग जो दफ्तर सही समय पर जातें हैं…ऐसा बता रयेले हैं…

 

और ताऊ पहेली - 53 विजेता श्री प्रकाश गोविंद हो गयेले हैं भाई….

paheli-53-winner

अरे तो सर्किट अपुन क्यों नईं जीत रयेले हैं इस पहेली को? जा ..जाके इस जीतने वाले प्रकाश गोविंद जी को ऊठाके लाने का..और अगली बार जवाब लेके छोड देने का…ऐसे तो अपुन जीतने वालाईच नईं है…

अरे भाई आप काहे कू टेंशन ले रयेला है? मैं करता है ना कूछ…प्रकाश जी से तो मैं ऐसेईच फ़ोन पर पूछ लेगा जवाब..अगली बार आपको जितवा डालेगा ना मैं….और ताऊ डाट इन  पर ही  सु. अल्पना वर्मा.  बता रयेली हैं…

बहनों और भाईयो नमस्कार. आईये अब आज के पहेली के स्थान के बारे में कुछ जानते हैं.
सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की देवाशरीफ दरगाह
उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है 'बाराबंकी'.यह लखनऊ से २९ किलमीटर पूरब में स्थित है.

अभिषेक ओझा  एक आलसी का चिठ्ठा पर दूसरा भाग: अलविदा शब्द, साहित्य और ब्लॉगरी तुम से भी..(लंठ महाचर्चा)  कर रयेले हैं… विवेक रस्तोगी कल्पतरु पर सूर्यपुत्र महारथी दानवीर कर्ण की अद्भुत जीवन गाथा “मृत्युंजय” शिवाजी सावन्त का कालजयी उपन्यास से कुछ अंश – ३३ [द्वन्द्वयुद्ध के दाँव….]  पढवा रयेले हैं… और तीसरा खंबा पर दिनेशराय द्विवेदी जी बता रयेले हैं  1926 की न्याय व्यवस्था से हुए परिवर्तन : भारत में विधि का इतिहास-23….. राजीव तनेजा चर्चा पान की दुकान पर  बता रयेले हैं  बोया पेड़ बबूल का

और भाई ये देखो क्या हो गयेला है? अदा' जी  काव्य मंजूषा पर  बोल रयेली हैं   उसी गली में एक अदद दिल पागल छोड़ आये हैं

 

मत पूछ तेरी महफ़िल में हम क्या क्या छोड़ आये हैं
कुछ लम्हें तो आज के थे कुछ बीता कल छोड़ आये हैं
तेरी चौखट पर आँखों ने सजदे में झुकना सीख लिया
आज वहीँ चंद सांसें और इक आँचल छोड़ आये हैं

 

 

और भाई उदर अपने आदित्य का कलेजा मुंह को आ गयेला है….वो बोल रयेला है..इसी को कहते है.."कलेजा मुंह को आना"

अरे सर्किट क्या हुआ? अपुन को बता…एइसेईच कैसे हो गयेला इतना बडा कांड..मैं तेरे को बोल रयेला है..एक एक को फ़ोड डालेगा..अपुन का आदित्य भाई को किसी ने कुछ कर दियेला होयेंगा तो..

अरे भाई आप काहे कू टेंशन ले रयेले हैं…वो तो एईसेईच बूम मार रयेला है..लो खुदईच से पढ के देखने का…

 

शरारत ऑफ द डे

शाम को बाबा अपना खाना लेकर आये.. प्लेट में गरम गरम चावल थे.. मैंने आव देखा न ताव खाना खान करके अपना बायाँ हाथ गरम गरम चावल में दे मारा.. और मेरी रुलाई शुरू.. बाबा एकदम हक्के बक्के.. तुरंत मेरा हाथ नल के नीचे लगाया... फिर हाथ ठन्डे पानी से भरे मग में दाल दिया.. मेरा रोना अब भी बंद नहीं हुआ.. लेकिन बाबा को अब तक समझ आ गया की मेरा हाथ जला नहीं है.. फिर एक गीले नेपकिन में हाथ लपेट कर हम गैलेरी में मेट्रो और भो भो देखने गए... पांच मिनिट बाद वापस आये तो मेरी मुस्कान भी वापस आ गई थी... इसी को कहते है.. "कलेजा मुंह को आना'

और नीरज जाट जी मुसाफिर हूँ यारों अब चले जा रयेले हैं हैं वैष्णों देवी माता के …उनकओ बुलावा आयेला है भाई चलो बुलावा आया है….और भाई अब आपकी उड़न तश्तरी ....आ गयेली है…हाय री ये दुनिया? कहते हुये…

अरे सर्किट इसका क्या मतलब? ये हाय हाय काहे कू कर रयेले हैं समीर भाई?

अरे भाई..वो उनका लेपटोप खराब होगयेला है..बहुत वायरस आगयेले हैं..

अरे तो उनको बोलने का…लेपटोप को सर्दी मे आराम से च्यवनप्राश खिलाने का..भौत मजबुत रहेंगा…

हां मैं बोलता ना भाई..अबी की अबी..आप टेंशन नईं लेने का…

 

यह क्या? पूछ रहा है कि कितने बजे फ्लाईट है अपने दोस्त से हिन्दी में!! जाने कौन है हिन्दुस्तानी या पाकिस्तानी.
यही दृष्य आये दिन वेन्कूवर और टोरंटो में भी देखता हूँ हवाई अड्डे पर.
आसपास नजर दौड़ाता हूँ. कुछ ड्रेगन आकाश से रस्सी के सहारे झूल हैं. फिर कुछ क्रिसमस ट्री सजे हैं. झालर रोशनी का सामराज्य है हर तरफ. कोई संता बने घूम रहा है.
इससे तो कतई नहीं जान सकते कि यह बिजिंग है या वेन्कूवर या टोरंटो...
कुछ आसपास सजी दुकानों पर नजर डालता हूँ..वही चायनीज़ फूड, फिर पिज्जा पिज्जा, फिर मेकडोनल्ड फिर फिर..सब एक सी ही दुकानें हर जगह..भीड़ भी एक सीमित दायरे में कुछ वैसी ही...
आखिर दिमाग पर जोर डालता हूँ..जेब में हाथ जाता है.. मेरी टिकिट और पासपोर्ट हैं.
टिकिट पर लिखा है बिजिंग से टोरंटो, फ्लाईट एयर कनाडा १०१ दोपहर १२.४७ बजे तारीख १२ दिसम्बर, २००९.

और रामप्यारी माताजी ने ताऊ की चौपाल मे : दिमागी कसरत – 23 फ़िर से करवा डाली…और An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय पर अनुराग शर्मा जी ने बताया और चित्र भिजवायेले हैं..रजतमय धरती हुई [इस्पात नगरी से - २२]

पिछले हफ्ते से ही तापक्रम शून्य से नीचे चला गया था. रात भर हिमपात होता रहा. कल सुबह जब सोकर उठे तो आसपास सब कुछ रजतमय हो रहा था. बर्फ गिरती है तो सब कुछ अविश्वसनीय रूप से इतना सुन्दर हो जाता है कि शब्दों में व्यक्त करना कठिन है. चांदनी रातों की सुन्दरता तो मानो गूंगे का गुड़ ही हो. शब्दों का चतुर चितेरा नहीं हूँ इसलिए कुछ चित्र रख रहा हूँ. देखिये और आनंद लीजिये:

और ज्ञानवाणी पर वाणी गीत  जी पूछ रयेली हैं आप कभी झगड़ते नहीं .....!!….और शाश्त्री जी "शरद कोकास" की पहली और अद्यतन पोस्ट (चर्चा हिन्दी चिट्ठों की) पढवा रयेले हैं ..और कोकास भाई की ताजी पोस्ट देखने का भाई…कोई चेहरा गाज़र के हलुवे की प्लेट सा लगता है

 

 

सुबह सुबह मुँह खोलो तो निकलती है ढेर सारी भाफ़ ..ऐसा लगता है कोई चाय की केटली रखी हो दिल के भीतर । आलिंगन के लिये बढ़ते हुए हाथ गर्म कम्बल की तरह दिखाई देते हैं , सुबह की गुनगुनी धूप में मफलर से लिपटा हुआ कोई चेहरा गाज़र के हलुवे की प्लेट सा  लगता है  ।दोपहर , जल्दी बाय बाय कहकर चली जाने वाली प्रेमिका की तरह और शाम नकाब पहनकर आती किसी खातून की तरह लगती है । रात पेट भरने के बाद रज़ाई में घुसते समय सुख के अहसास में इतनी उछल कूद होती है मानो कोई ज़लज़ला आ गया हो  ।

और राजकुमार ग्वालानी जी बोल रयेले हैं… मेयर का चुनाव लड़ रही है हमारी सहपाठी….

किरणमयी एक अच्छी वकील हैं। उन्होंने ही रायपुर के मेयर तरूण चटर्जी के खिलाफ हाई कोर्ट में एक मामला दर्ज कराया था, जब वे महापौर के साथ प्रदेश सरकार में मंत्री थे। उन्होंने जन हित से जुड़े कई मुद्दों पर मुकदमें लड़ हैं। ऐेसी प्रत्याशी को कांग्रेस ने मैदान में उतार कर प्रदेश की भाजपा सरकार की परेशानी बढ़ाई है। अब यह बात अलग है कि वह जीतती हैं या हारती हैं।
किरणमणी की छबि पर अगर मतदाता मुहर लगाने की मानसिकता बनाएंगे तो जरूर वह जीत जाएंगी, लेकिन मतदाताओं को अगर यह लगा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और कांग्रेस की मेयर बनने से विकास बाधित हो सकता है तो जरूर किरणमणी हार सकती हैं। अब यह तो मतदान के बाद होने वाली मतगणना से मालूम होगा कि क्या होता है।

और देशनामा पर गडकरी आ गएओ, रंग चोखा आवे न आवे, बीजेपी को भी कोनी पता...खुशदीप भाई बता रयेले हैं…


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52 साल के नितिन गडकरी वजन में ही भारी हैं...रही बात ज़मीन से जु़ड़ी होने कि तो जनाब ने आज तक जनता के बीच जाकर एक भी चुनाव नहीं जीता है...बैक डोर से महाराष्ट्र विधान परिषद में जरूर 1989 से एंट्री मारते आ रहे हैं...नब्बे के दशक के मध्य में ज़रूर छींका टूटा था...महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी सरकार में पीडब्लूडी मंत्री बनाए गए...नागपुर में संघ मुख्यालय के पास इतना विकास कराया कि अब संघ ने बीजेपी का विकास करने का ही बीड़ा थमा दिया...

और नीरज गोस्वामी जी किताबों की दुनिया – 20  के बारे में

 

सबसे पहले तो इस किताब के शीर्षक ने ही मुझे आकर्षित किया. इसी से मुझे शायर की नयी सोच का भान हो गया था, फिर जैसे जैसे मैं इसके वर्क पलटता गया, मेरी सोच पुख्ता होती चली गयी.

मौत की वीरानियों में ज़िन्दगी बन कर रहा


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वो खुदाओं के शहर में आदमी बन कर रहा

ज़िन्दगी से दोस्ती का ये सिला उसको मिला

ज़िन्दगी भर दोस्तों में अजनबी बन कर रहा

उसकी दुनिया का अँधेरा सोच कर तो देखिये

वो जो अंधों की गली में रौशनी बन कर रहा

एक अंधी दौड़ की अगुआई को बैचैन सब

जब तलक बीनाई थी मैं आखरी बन कर रहा

और ताऊजी डाट पर फ़र्रुखाबादी विजेता (149) : ललित शर्मा बन गये हैं….

और आज के विजेता हैं : ललित शर्मा जी,


ललित शर्मा said...
ई तो कुकुर है, अलार्म डाग
20 December 2009 18:44

अरे सरिट ये शर्माजी को ऊठा के लाने का…

इनसेईच जवाब पूछने का जरा….

अरे भाई शर्माजी की बडी बडी मूंछे हैं…पंगा नईं लेने का…वो तो मैं शर्माजी को फ़ोन करके पूछ लेंगा तो एईसेईच बता डालेगा ना जवाब….

तो ठीक है..सरकिट आज पूछ के मेरे कू बताने का..

हो ना…भाई आप काहे कू टेंशन ले रयेला है?  मैं है ना इदर….

23 टिप्पणियाँ:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

बहुत सुन्दर, विस्तृत चर्चा !

21 दिसंबर 2009 को 6:15 pm बजे
नीरज गोस्वामी ने कहा…

झकास बाप...क्या चर्चा की है...बिंदास.
नीरज

21 दिसंबर 2009 को 6:28 pm बजे
बेनामी ने कहा…

बेहद रोचक शैली!

बी एस पाबला

21 दिसंबर 2009 को 6:43 pm बजे
संगीता पुरी ने कहा…

वाह !!वाह !! बहुत बढिया चिट्ठा चर्चा !!

21 दिसंबर 2009 को 6:48 pm बजे
Himanshu Pandey ने कहा…

इतने विस्तार से चर्चा करना आपही के बस का है । आभार ।

21 दिसंबर 2009 को 6:53 pm बजे
ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

एएएएएएएएएएएए सर्किट क्या पुछने का? पुछ ना रे पुछ, अपुन अक्खा सवाल का जवाब बतायेंगा। पण बीड़ु चर्चा अईसेच करने झकास करने का, बीच मे अपुन कोई झोल-झाल नई मांगता। झकास चर्चा मजा आ गयेला भाई।

21 दिसंबर 2009 को 7:13 pm बजे
डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

झकास चर्चा मजा आ गयेला भाई........

21 दिसंबर 2009 को 7:19 pm बजे
डॉ टी एस दराल ने कहा…

वाह, अजाब-गज़ब।
बहुत मेहनत करते हैं आप, इस चर्चा में।
बधाई।

21 दिसंबर 2009 को 7:28 pm बजे
Smart Indian ने कहा…

झकास चर्चा होयेली है - बोले तो एकदम मस्त - लगे रहो, लगे रहो!

21 दिसंबर 2009 को 7:56 pm बजे
दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

भाई, बहुत सुंदर। यदि इसी तरह हिन्दी की बोलियाँ प्रस्तुत होती रहें तो हिन्दी का स्वरूप निखरेगा।

21 दिसंबर 2009 को 8:04 pm बजे
Arvind Mishra ने कहा…

सर्किट मुन्ना की जोड़ी अमर रहे -नित चर्चाओं से यह ब्लॉग भरा रहे

21 दिसंबर 2009 को 9:00 pm बजे
रंजन ने कहा…

बहुत अच्छी चर्चा..

आभार..

21 दिसंबर 2009 को 10:22 pm बजे
ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत झकास चर्चा कर डाली सर्किट भाई. मजा आगया.

रामराम.

21 दिसंबर 2009 को 10:24 pm बजे
राजकुमार ग्वालानी ने कहा…

झकास चर्चा किएला है बिडू,

22 दिसंबर 2009 को 1:14 am बजे
Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

एकदम झक्कास चर्चा!!!
लगे रहो मुन्नाभाई!!!

22 दिसंबर 2009 को 2:11 am बजे
मनोज कुमार ने कहा…

चर्चा अच्छी लगी।

22 दिसंबर 2009 को 7:52 am बजे
अजय कुमार झा ने कहा…

मुन्ना भाई इत्ती मस्त चर्चा कियला है न आप,कि बस सबकी वाट लग जाएंगी ....सर्किट की खोपडी में एक साथ इत्ती पोस्ट ...बाप क्या मस्त चेला है आपका ...लगे रहो मुन्ना भाई....लगे रहो मुन्ना भाई

22 दिसंबर 2009 को 8:49 am बजे
Khushdeep Sehgal ने कहा…

ठनठन गोपाल बुंदेलखंडी...

बुंदेलखंड से आया है मेरा लाल गोपाल...भईया बड़े ज़ोर की जगह है...राहुल गांधी से लेकर मायावती तक बुंदेलखंड के लिए आंधी-तूफ़ान हुए जा रहे हैं और वहां के लोग दो जून की रोटी के लिए हलकान...अरे कहां, यहां भी मेरा पत्रकार जाग गया...बड़ी फुलटूस चर्चा पेश किए ले है बाप...

जय हिंद...

22 दिसंबर 2009 को 9:26 am बजे
www.SAMWAAD.com ने कहा…

आजकल चर्चा की बहार है, जिसे दिखो उसे इससे प्यार है।
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मानवता के नाम सलीम खान का पत्र।
इतनी आसान पहेली है, इसे तो आप बूझ ही लेंगे।

22 दिसंबर 2009 को 3:37 pm बजे
Paise Ka Gyan ने कहा…

RAM in Hindi
Firewall in Hindi
Data Communication in Hindi
Motherboard in Hindi
Phishing in Hindi
Computer Virus in Hindi
Input Devices in Hindi

7 जून 2019 को 8:23 am बजे
Paise Ka Gyan ने कहा…

Android in Hindi
Intranet in Hindi
Internet in Hindi
Computer in Hindi
Apple in Hindi
LTE Full Form

7 जून 2019 को 8:23 am बजे
Paise Ka Gyan ने कहा…

Induced Meaning In Hindi
Coordination Meaning In Hindi
Fortnight Meaning In Hindi
Listen Meaning In Hindi
Arguments Meaning In Hindi
Mercy Meaning In Hindi
Aggregate Meaning In Hindi
Precipitation Meaning In Hindi

29 अगस्त 2019 को 10:05 pm बजे
Paise Ka Gyan ने कहा…

Propose Meaning in Hindi
Abstract Meaning in Hindi
Arrogant Meaning in Hindi
Reveal Meaning in Hindi
Stunning Meaning in Hindi
Awesome Meaning in Hindi
Obsession Meaning in Hindi
Appreciation Meaning in Hindi
Inspiration Meaning in Hindi

29 अगस्त 2019 को 10:05 pm बजे

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