ब्लाग चर्चा : भाई तबियत मस्त हो गयेली है…!
अरे सर्किट…ओ सर्किट…मेरे पॆट मे फ़िर दर्द हो रयेला है बाप
भाई वो अपुन आपकी दवा तैयार कर रयेला है ना..
अबे जल्दी कर सर्किट..
हओ ना भाई…..अपुन को ट्राई मार के देखने का..कि उडनतश्तरी से दवाई इंपोर्ट करने का भाई…बिलायती दवाई से दर्द जल्दी ठीक होता ना भाई…
अरे तू छोड रे सर्किट..तू तो देशी ही आने दे…..
तो भाई…पहले जो आपका हाल चाल पूछने आयेले थे..उनका हाल चाल बताता हूं ना भाई…
अरे जल्दी बता सर्किट…..
लो सुनो ना भाई…
चिठ्ठी चर्चा : अब किसका विश्वास हो किसका करें विश्वास....न कौडी के तीन है और न तेरह में तीन….भाई लगता है मिश्राजी बहुत नाराज हो रयेले हैं. और भाई पी.सी.गोदियाल जी बोल रयेले हैं कि भेडे प्रतिकार नही करती ! इस पर गिरीश बिल्लोरे जी की कोई सुन नही रहा तो वो कह रहे हैं कि मेरी आवाज़ सुनो !!
अरे सरकिट..मैं सब सुन रयेला है..तू चालू रख तेरी आकशवाणी…
हां चालू रखता हूं ना भाई..टेंशन नही लेने का..हा तो उसका बाद मे अनिल पूसदकर जी भौत झमेले मे फ़ंस गयेले हैं..वो बोल रयेले हैं की अब आप ही बताईये कि बापू का कहा मानू या चाचू का?
अरे सर्किट..उनको बोल ना..बापू का कहा माने मेरी तरह…..
हां ठीक है ना भाई….अबी की अबीच बोल देता हूं. ..और भाई उसके बाद महक जी किसी के घर का पता पूछ रयेली हैं कि.. किसी को पता है ये घर कहा और किसका है?
तो बतादे रे सरकिट….
पण भाई अपुन को भी कहां पता है?… ..और ना भाई..आज एक और लफ़डा हो गयेला है……आज वो लवि कह रही है आज मैं गुस्से में हूँ…भाई आज लगता है वो चाकलेट लेकर भी मानने वाली नही है भाई….
और भाई वो आज रामप्यारी के फ़र्रुखाबादी सवाल ..रिजल्ट आयेला है…फ़र्रुखाबादी विजेता (113) : देवेंद्र हो गयेले हैं भाई…
अरे सर्किट..इसमे कौन सी नई बात हो गयेली है? रामप्यारी तो रोजिच ऐसे फ़र्रुखाबादी सवाल करती है…पण ये बता वो ताऊ नही दिखेला अबी तक….?
अरे भाई..वो क्या हो गयेला है कि ताऊ ने तो लिखना कबी का बंद कर दिया…बस एक पहेली शनिवार को "ताऊ पहेली – 48 " डाल के कहीं निकल गयेला है……भाई आप थक गयेले होंगे…तो पारुल जी के ब्लाग पर ग़ालिब /रफी /जगजीत को सुनने का भाई…
भाई आज राज भाटिया जी भी बूझो तो जाने? वाला खेल रयेले हैं……और भाई वो द्विवेदी सर,पाबलाजी और दिलों की महफ़िल...खुशदीप चमका रहे हैं…..और अरविंद मिश्रा जी की विज्ञान कथा कांफ्रेंस चालू आहे ! और भाई एक बहुत ही जोरदार और सुंदर गाना सुनो आप तो अल्पनाजी के ब्लाग पर कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं…..और भाई "Doodle 4 Google, गूगल पर चढ़ा हिंदुस्तानी रंग": ..पता नही ये क्या हो रयेला है भाई?
और भाई इसका पिच्छू अदा जी नफरत के बीज तूने लाखों लगाए की कहानी एक गजल मे बता रयेली हैं…इस पर शाश्त्री जी बोल रयेले हैं कि "वो तो कुत्ते की मौत मरता है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")…सही बात है ना भाई..?
अरे सरकिट डोंट वरी बी हैप्पी…… अपुन को मणिपुर की लोह स्त्री शर्मीला की कहानी - शर्मीला समय की उचाइयों पर.….. सुना. वो क्या है ना तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर भी बनने कू मंगता मैन…
हां भाई आप तो बिल्कुल सही बोल रयेले हैं…..भाई वो शाश्त्रीजी फ़िर आ गयेले हैं…और बोल रयेले हैं कि भाई "पहली पहली पाती : सुन मेरे बन्धु ,पढ़ मेरे साथी" (चर्चा हिन्दी चिट्ठों की…
अरे सरकिट..इसका क्या मतलब?
भाई मतलब तो अपुन को भी नही पता..मैं शाश्त्रीजी को फ़ोन करके पूछता ना भाई..आप टेंशन नही लेने का भाई….! कौन तुम मेरे ह्रदय में ....महादेवी की कविता पढ कर ये काजल भाई का रापचिक कार्टून :- हा हा हा इस गांव में बिजली भी आती है…देखो भाई…वाह भाई तबियत मस्त हो गयेली है…और भाई तस्लीम पर जाकिर भाई इस बार की चित्र पहेली थोड़ा अगल अंदाज में। बताइए यह कौन सा पक्षी है? (चित्र पहेली-51) पूछ रयेले हैं.
भाई आज विवेक सिंह का जन्मदिन है…और भाई तलाश सिनेमा घर में फ़िल्म लगेली है जिंदगी के रंग-सुशील के संग…और कविता जी बता रयेली हैं धरती पर भगवान् आयेले हैं….
अरे सरकिट भगवान कब आये? बापू की तरह आ गयेले हैं क्या? मेरे कू मिलवा देरे..भगवान जी से…
अरे भाई..सुनो तो सही…नीरज गोस्वामी छोटी सी मुस्कान भिडू…दिखा रहे हैं…और पी.सी.गोदियाल जी कबाडी और साहित्यकार ! के बारे में बता रयेले हैं….
भाई अब मेरे कू जाना है..
अरे सर्किट कहां जाने का है?
भाई वो …वो लक्की सिंह का मकान खाली करवाने का है ना भाई… ५/७ बुड्ढे फ़ंस गयेले हैं वहां….खालीच नही करते… आप आराम करो ना भाई..उनका काम मैं ही लगा डालेगा ना भाई अबी की अबी मैं सीधे…उदरिच..जा रयेला है…
16 टिप्पणियाँ:
सारा कुछ समेट लिया आपने एक ही चर्चा के अन्दर !
16 नवंबर 2009 को 2:49 pm बजेमेरी नजर में आयी ही नहीं थी ये ब्लाग .. बढिया स्टाइल में शुरू किया है .. शुभकामनाएं !!
16 नवंबर 2009 को 3:30 pm बजेचकाचक..
16 नवंबर 2009 को 4:47 pm बजेमस्त इत्मिनान से चर्चा की है सर्किट ने..पूरा सर्किट बैठाल कर...जारी रहो, शुभकामनाएँ.
16 नवंबर 2009 को 5:38 pm बजेबढिया चर्चा चल रही है भाई लगे रहो-बधाई
16 नवंबर 2009 को 5:41 pm बजेवाकई सरकिट भाई..आपने तो तबियत खुश कर दी..जबरदस्त चर्चा कर डाली भाई आपने तो मजाक मजाक में. उपर से नीचे तक एक ढ गये.
16 नवंबर 2009 को 5:48 pm बजेलवि की फ़ोटॊ बहुत बढिया लगाई, उसकी फ़ोटो से तो आपकी इस पोस्ट में जान आगई. बस हमारा एक भतीजा है आदित्य उसको कहां भूल गये? अगली बार मत भूलना.
सरकिट भाई मेरी सलाह है इन बच्चे लोगों के ब्लाग का आप खास खयाल रखिये. नियमित इनको शामिल किजिये...आपका विषय हंसी मजाक का है और हमारे ब्लाग जगत के ये बच्चे भी बडॆ नटखट हैं.
बहुत शुभकामनाए आपको.
रामराम.
बढिया चर्चा सरकिट भाई बढिया स्टाइल है ........
16 नवंबर 2009 को 6:18 pm बजेचकाचक रापचिक चर्चा.... वैसे लवी का गुस्सा अब उतर गया है :)
16 नवंबर 2009 को 8:32 pm बजेएकदम नये स्टाईल में की गई बढिया चर्चा....
16 नवंबर 2009 को 9:25 pm बजेएक दम राप चिक बाप
16 नवंबर 2009 को 11:40 pm बजेमामूं अब सब सुनेगे
क्या चर्चा है
शुक्रिया
अबी इधरिच आयेला है. और ये धाकड़ पोस्ट देखेला है...
17 नवंबर 2009 को 12:56 am बजेबोले तो मस्त लिखेला है बाप.....एकदम मक्खन का माफिक...
लेकिन अब हम ये सब कहें तो लोग क्या कहेंगे...
इसी लिए हम चुप रहेंगे...!!
लेकिन चर्चा हसीं है....
भैया सर्किट, मुन्ना भाई का ख्याल रखो ,,पेट-वेट दुरुस्त रहे तो ही ठीक....मस्त चर्चा...
17 नवंबर 2009 को 2:27 am बजेमुन्ना स्टाइल की ब्लॉग चर्चा शानदार रही ...!!
17 नवंबर 2009 को 5:03 am बजेZabardast bhai.... lage raho...
17 नवंबर 2009 को 7:42 am बजेJai Hind...
आज पहली बार यह चर्चा पढ़ी , चर्चा करने का स्टाइल बड़ा मजेदार लगा |
19 नवंबर 2009 को 9:10 pm बजेलगे रहो मुन्ना भाई :)
aaj pahali bar yah charcha dekhi.
25 नवंबर 2009 को 10:13 am बजेbahut achchha lagaa.saaf sudhari aur organised charcha hai.abhaar.
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