अपुन का नाम मुन्ना भाई एइसेईच नही है…….
अरे भाई उठो ना…कितना दिन उपर आगयेला है? कबी तक सोने का आपकू?
अरे सर्किट सोने दे ना..क्युं इत्ता अच्छा सपना का दही चटनी कर दिया…खाली पीली जगा कर? सपने मे तेरी भाभी अपनी चंपी कर रयेली थी बीडू..!
अरे भाई सपना…. छोडने का…वो संगीता जी बोल रयेली है कि भाई के लिये दुल्हन ऊठाकर ले आने का? आज मैं ऊठा के लेईच आता है भाई…फ़िर सपना देखना हमेशा के लिये छूट जायेगा…और चंपी भी..फ़िर तो भाई की बेलन से चंपी होयेंगी खाली पीली…
नईं…सर्किट..ऊठा कर नईं लाने का..बोले तो बैंड बाजा से लाने का…
ठीक है ना भाई आप बोलेगा …बैंड बाजा से लाने का तो बैंड बाजा से लायेंगा ना भाई..टेंशन नही लेने का भाई…
और भाई वो जबलपुरी ब्रिगेड पर अपुन की भौत तारीफ़ करेली है… चर्चित चर्चा के अलावा प्रभावी हो रही इन चर्चाओं को देखिये…..
मेरी सलाह है कि नकारात्मकता को समूल नष्ट करनें का प्रयास खुलकर किया जाए दूसरी ओर जो लेखन आपकी दृष्टी में उत्तम है अवश्य सबके सामने लाएं इन तीन चर्चात्मक चिट्ठों ने सबको जोड़ा है विचार और तरीका सहज है. मुन्ना भाई तो अदभुत शैली की वज़ह से प्रभावी बन रहा.... है!
अरे सर्किट तो फ़टाफ़ट से भी पहले गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल' जी को सलाम बोल अपुन का…सलाम भाई का…युहिंच आपका निगाह बना कर रखने का भाई पर. अब आगे का हाल सुनाने का….
हां भाई वो उडनतश्तरी ने आपको चेलेंज दियेला है…बोलेला है कि मेरे कू ऊठाने का तो क्रेन लेकर आने का भाई….
एइसा क्या? अरे सर्किट अबी की अबी जा…और ब दे तीन दिन मे भाई के सामने खुदईच पेश होने का….नही तो भाई….अबे सर्किट अब आगे तू बोल ना..नईं तो भाई क्या करेंगा?
भाई कुछ नही करने का…आपकू खाली पीली टेंशन नही लेने का भाई….मैं बोलता है ना भाई ….उडनतश्तरी को …कल सुबहईच खुद ही हाजिर होयेंगा भाई…..नईं तो अपुन खुदईच हाजिर हो जायेगा……
बोल देने का….नही तो अपुन का नाम मुन्ना भाई एइसेईच नही है…….
हां ठीक है भाई….अब आगे सुनने का…..
भाई भारतीय नागरिक बता रयेले हैं हंसने के लिए कुछ वाक्य जिनका प्रयोग आप अकेले में कर सकते हैं. और भाई अंतरसोहिल पूछ रयेले हैं फ़िर दीपक, धूप, अगरबत्ती, मोमबत्ती किसलिये हैं? और गोदियाल जी बोल रयेले कि भई, अपनी तो जिन्दगी मस्त है ! ……संगीता जी 15 घंटे के अंदर किसी सपने का हकीकत में बदलना मात्र संयोग नहीं हो सकता !!…बता रयेली हैं. और भाई लवलीकुमारी जी एक वीडियो जो मुझे पसंद आया दिखा रयेली हैं.
और पीडी. बोलरयेले भगवान का होना ना होना मेरे लिये मायने नहीं रखता है(एक आत्मस्वीकारोक्ति)….और भाई राज भाटिया माधुर्य का रस पिला रयेले हैं….और भाई कुछ संभल सको तो एइसा क्षत्रिय पर बोल रयेले. और वकील साहब हमारे समय के अग्रणी रचनाकार : गजानन माधव मुक्तिबोध (2) के बारे मे बता रयेले……और भाई एक पाव भर की रजाई, ठण्ड दूर रखने का हल्का-फुल्का साधन बता रयेले शर्माजी. राज भाटिया जी रेल चली छुक छुक छुक....छुक छुक.... चला रयेले…. और बिल्लोरे साहब महफूज़ भाई....स्टेशन-मास्टरों के लडके कुली कबाड़ी बनतें है. समझा रयेले हैं.
और झा जी जो भाई अपुन को कल हुल देके गयेले थे….वो चर्चा दो लाईना ,chitt लेके आयेले हैं भाई….पण भाई आपकी चर्चा नही करेले हैं……और प्रवीण जाखड विश्व का सबसे नन्हा ब्लॉगर ! इन्हें जरूर बधाई दें.. के बारे मे बता रयेले हैं….विवेक रस्तोगी सूर्यपुत्र महारथी दानवीर कर्ण की अद्भुत जीवन गाथा “मृत्युंजय” शिवाजी सावन्त का कालजयी उपन्यास से कुछ अंश – ३० [कर्ण का धनुर्विद्या का गुप्त अभ्यास…] पढवा रयेले हैं भाई….
और भाई शेखावत जी के ज्ञान दर्पण का एक साल हो गयेला है….
अरे सर्किट उनको बधाई दे डालने का अबी की अबी….
हां भाई मैं अबी देता ना उनको बधाई…आप टेंशन नईं लेने का….
भाई वो पूसदकर जी बाबा! पप्पा ना, यंही छुपा के अंडा खिलाते हैं मुझे! शिकायत कर रयेले हैं…..और भाई ये खुशदीपजी आपसे फूछ रयेले ये क्या हो रहा है भाई, ये क्या हो रहा है...खुशदीप
ए सर्किट खुशदीप जी को बोल देने का..भाई कुछ बी नईं करेला है….भाई उसमे का भाई नईं है…समझ गयेला क्या?
हां ठीक है ना भाई…मैं समझा देता ना भाई..आपसे टेंशन नईं लेने का भाई….
अबी तुम बार बार बोलता तो हम टेंशन नईं लेता…..आगे सुनाने का….
और भाई वो हे प्रभू अणुव्रत गीत सुना रयेले….और वडनेरेकरजी राजनीति के क्षत्रप बता रयेले हैं….और अल्पना वर्मा जी 'एक सुहाना सफर में डिब्बा की यात्रा करवा रयेली हैं…और एक गीत वादियां मेरा दामन' भी सुनवा रयेली हैं….
अरे सर्किट..ये डिब्बा क्या है? अपने शेयर मार्केट वाले डिब्बा डिब्बा खेलते..वैसाईच कुछ है क्या?
अरे भाई वो वाला डिब्ब नई..असल समंदर का किनारा…और मस्त फ़ोटो भी लगायेली हैं….ये देखने का….
डिब्बा 'ओमान देश में एक प्रायद्वीप मुसंदम क्षेत्र का एक शहर है.
यह क्षेत्र यु.ए.ई के बॉर्डर पर ही है,और यहाँ जाने के लिए UAE residents ko वीसा की ज़रूरत नहीं है.अक्सर यहाँ से वहाँ लोग छुट्टियाँ बिताने जाया करते हैं.
हमारे लिए पहली बार वहाँ जाना हुआ.लगभग चार घन्टे में हम डिब्बा पहुचे.
शहर के शोर शराबे से दूर सागर का खूबसूरत किनारा और यह निर्जन स्थान एक अलग ही सुकून सा देता है.बहुत से लोग आगे भी जाते हैं मुसंदम में लेकिन हम वहाँ नहीं जा पाए ,इसलिए सिर्फ़ डिब्बा तक गये.
अरे तो सर्किट एइसा बोलने का ना की भाई ये छुट्टियां बिताने की जगह है..हम खाली पीली…कुछ का कुछ समझ गयेला था…और फ़ोटो तो सारीईच बडी झकास है बीडू…बोले तो रेगिस्तान मे तो मजाईच आगया होयेंगा ना..चल आगे कू बढ जरा….
क्षत्रिय पर फ़िर से फूल खिलेंगे धीरज धरिये बता रयेले हैं……और भाई दीपक भाई बता रयेले हैं नया नहीं बन पाया तो सम्बन्ध पुराना बना रहे..........................'बीती ख़ुशी' ......क्या हुआ जो आरज़ू लब तलक आयी नहीं........दीपक 'मशाल' ….
क्या हुआ जो आरज़ू लब तलक आयी नहीं,
क्या हुआ गर इश्क ने मंजिल पायी नहीं.
सीने में है महफूज़ मेरे शम्मा-ए-चाहत अभी,
क्या हुआ अरमान पे जो चाँदनी छायी नहीं.
उम्र भर से दिल पे मेरे नाम है उसका सजा,
क्या हुआ जो उसने मेरी नज़्म कोई गायी नहीं.
हिन्दु बेटे के अंतिम दीदार के लिए कब्रिस्तान में खोला गया मुस्लिम मां का चेहरा……..ये राजकुमार ग्वालानी जी बता रयेले हैं. "तुम्हारी खुशी से ही नहीं, गम से भी रिश्ता है हमारा," (चर्चा हिन्दी चिट्ठों की ये शाश्त्रीजी बता रयेले हैं…..और भाई रस्तोगी जी को हनुमान जी बचायेले हैं….मैं तो मर ही जाता अगर मुझे हनुमान चालीसा न याद होती…! मे हनुमान चालीसा पढ रयेले हैं….
अरविंद मिशरा जी खंडिता है यह नायिका :(षोडश नायिका –७) के बारे एम बता रयेले हैं….
अरे सर्किट पूरी बात बता रे…
लो सुनो ना भाई….
"रात बीत बीत गयी अपलक प्रिय की प्रतीक्षा में ...वे नहीं आये और अब सुबह लौटे भी हैं तो यह क्या हालत बना रखी है - होठो पर काजल और गालों पर किसी के होठों की लाली और माथे पर पैरों का आलता ? आँखें भी उनीदीं ! ओह समझ गयी मैं ,अभी मैं इनकी गत बनाती हूँ ! "
वीर बहुटी पर…अस्तित्व [गताँक से आगे] पिछले अंक मे आपने पढा कि रमा को अपने पति की अलमारी से एक वसीयत मिली जिसमे उनके पति ने अपने 2 बेटों के नाम सारी संपति कर दी और छोटे बेटे और रमा के नाम कुछ नहीं किया
मत पूछै के ठाठ भायला – कविता सुना रयेले हैं….
अरे सर्किट आदरणीय खंडेलवाल जी बधाई दे दे भाई की तरफ़ से ….
हां भाई अबी की अबी फ़ोन करता ना भाई….आप टेंशन नही लेने का…
और सर्किट… लावण्या जी कॊ भि बधाई देदे भाई खी तरफ़ से…
हां भाई अबी देता ना भाई…आप बे फ़िक्र रहने का…
और भाई ताऊ पहेली – 49 को तोडने का उपाय कर लियेला है….आप टेंशन नईं लेने का भाई… और गोदियाल जी निष्पक्ष खबरे और रिश्तेदारी ! के बारे मे बता रयेले हैं…..महक जी बता रयेली है हिन्दी बोलिये और दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाइए
अरे सर्किट..फ़िर अपुन का क्या होयेंगा रे?
भाई काहे कू टेंशन लेने का? जो होयेंगा अच्छाईच होयेंगा ना… भाई रामप्यारी ताऊ पहेली - 49 का 11:30 बजे का हिंट दे रयेली हैं….. काजल भाई कार्टून:- लट्ठ वाले बाबू की भई भैंस …..एइसा कह रयेले हैं.
अदा जी कविता सुना रयेली है पंख मेरे झड़ रहे हैं ...
हम खुद से बिछड़ रहे हैं
हालात बिगड़ रहे हैं
अब कहाँ उड़ पायेंगे
पंख मेरे झड़ रहे हैं
तूफाँ कुछ अजीब आया
हिम्मत के पेड़ उखड़ रहे हैं
महफूज़ मकानों में बसे थे
वो मकाँ अब उजड़ रहे हैं
हमसफ़र साथ थे कई
पर आज बिछड़ रहे हैं
आईना है या हम हैं 'अदा'
अक्स क्यूँ बिगड़ रहे हैं ??
अंतर सोहिल बता रयेले हैं पर्यावरण प्रदूषण (समस्या और कारण)1 के बारे में….और भाई फ़र्रुखाबादी विजेता (119) : सीमा गुप्ता बन गयेली हैं…..और संगीता पुरी जी बता रयेली हैं ऐसे 42 या उससे भी अधिक राष्ट्रीय प्रतीक हो सकते हैं ... जिनपर हम गर्व कर सकते है !! और भाई खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (120) : रामप्यारी का सवाल उलझ गयेला है… भाई नीचे देखो कुछ बी समझ मे नई आरयेला है.. रामप्यारी पूछ रयेली है ये आदमी क्या कर रयेला है?
अरे सर्किट…दीवार खराब कर रयेला है और क्या? चल अपुन का भी जवाब लोक करवा डाल….बस आज अपुन जीत गयेला है ये पहेली..अब उडनतश्तरी का ऊठाना केंसिल कर डाल..
क्यों ठीक है ना बीडू…
अरे भाई ये जवाब तो वहां पहले ही आयेला है..
अरे तो सर्किट उस जवाब को मिटा डालने का और भाई का जवाब लिख डालने का..
ठीक है ना भाई..आप टेंशन नईं लेने का..मैं कर डालेगा एइसाईच..कर डालेगा…
और भाई शर्माजी ओल रयेले की जब पैसा आता है, तो दिमाग कहाँ चला जाता है ?
अरे सर्किट..सही तो बोल रयेले…पैसा होने के बाद अपना दिमाग बचाकर रहने का और दुसरों का दिमाग खरीद कर काम चलाने का///येईच तो आजकल कार्पोरेट कल्चर कहलाता है रे…जरा समजने का सर्किट…
और गोदियाल जी लघु कथा- परवेज सुना रयेले हैं और जबलपुर ब्रिगेड हिंदी सबके मन बसी -आचार्य संजीव 'सलिल' बता रयेली है….और भाई अरविंद मिश्रा जी नहीं भूलेगी वो कैटिल क्लास की मानवता !(यात्रा वृत्तांत -अंतिम भाग) का समापन कर दियेले हैं और भाई अब मैं उनके कथा समापन की आरती मे शामिल होके परसाद खाकर आ रयेला हूं…अब भाई सो जाने का रात का एक बज रयेला है…गुडनाईट भाई….
13 टिप्पणियाँ:
ए सर्किट,
22 नवंबर 2009 को 1:06 am बजेअच्छा किएला बिंदास समझा दिएला...नहीं अपना दिमाग हटेला होइच था...
जोरदार लिख रहा...बाप...
जय हिंद...
भाई आज्ज तो बजा डाली आपने सबकी... बोले तो.... सबकी अंटी ढीली कर दी बाप्प..
22 नवंबर 2009 को 1:15 am बजेमज़ा आ रेला है.. लगे रहो..
इस बार दो खोखे का कर्जा हो गेला ए अपन के ऊपर सूत समेत वापिस करनाइच पड़ेगा ...
जय हिंद...
अरे भाई ..........बोहत सटीक किये हो जो भी किये हो ......बोले तो झकास किये हो !!
22 नवंबर 2009 को 2:13 am बजेएसीच करते रहेने का क्या !!
मस्त लगा रे अपुन को !
आईला...!!!
22 नवंबर 2009 को 5:04 am बजेअपुन का फोटू...!!
क्या मस्त दिखेली है बाप.....
काई रे शानपत्ती.. तेरे को मालूम ....क्या......!!
बोले तो ...तेरा मसखरी बिंदास और चर्चा झकास.... बिडू....!!
एकदम से शानदार चर्चा । सब कुछ व्यवस्थित । आभार ।
22 नवंबर 2009 को 6:05 am बजेवाह मुन्ना भाई..सर्किट तेरा बड़ा काम का..बड़ी पढाई करता है..भाभी कहीं उसी पे ना लट्टू हो जाये..!!!
22 नवंबर 2009 को 7:20 am बजेबोले तो झकास चर्चा
22 नवंबर 2009 को 7:57 am बजेछोड़ा नहीं कोई पर्चा
बोले तो भंकस हो गया रे सर्किट.....एकदमे बिलंडर.....आगे से नई छूटंगा बाप ...एक दम से गौड प्रोमिस रे...
22 नवंबर 2009 को 5:27 pm बजेएकदम फैन्टास्टिक चर्चा!!!
23 नवंबर 2009 को 12:03 am बजेBahut khoob, hameshaa kee tarah !
23 नवंबर 2009 को 11:10 am बजेRadiation in Hindi
7 जून 2019 को 8:16 am बजेMicrowave Oven in Hindi
5G in Hindi
NASA in Hindi
Indian Music in Hindi
Set Top Box in Hindi
Ubuntu in Hindi
7 जून 2019 को 8:16 am बजेOcean in Hindi
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7 जून 2019 को 8:17 am बजेBlood Donation in Hindi
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