ये गुरु चेले "ताऊ टिप्पणी खेंचू ताबीज" बेच रयेले हैं भाई...
अरे सर्किट…तू किदर कू गयेला बाप? मैं अक्खा दूपहरी से तेरे को याद किये जा रयेला हूं…
भाई मैं दिल्ली जाने के वास्ते तैयारी कर रयेला था…
ए सर्किट..ज्यादा भंकस नही देने का…क्या? तेरे कू किस बात की तैयारी करने का? कोई रेल या हवाईजहाज वाला टिकट मांग रयेला हो तो बोलने का? अबी की अबी टपका डालेगा मैं..उन को..
अरे भाई आप टेंशन नईं लेने का… टपकाने का काम तो मैंईच कर डालेगा ना भाई..वो तैयारी इस बात की कर रयेला था कि खुशदीप भाई ने भाभी बनाने का वास्ते मुन्नी मेंटेन का रिश्ता बतायेला था ना भाई….
अरे हां रे सर्किट…क्या हुआ..वो बात पक्की कर दियेला है क्या?
अरे नईं भाई..मैं उसीईच की खातिर तो दिल्ली जा रयेला हूं..अगर मुन्नी भाभी मेरे कू जम गई तो मैं उदरीच रिशता नक्की कर डालेगा ना भाई..आप तो बस टेंशन नईं लेने का..वो खुशदीप भाई ने रिश्ता बतायेला है तो मुन्नी भाभी अच्छा ही होयेंगा ना भाई..
अरे सर्किट वो ठीक है पण बीडू..तेरे पीछे से अपुन को ब्लाग चर्चा कौन सुनायेंगा?
भाई आज तो मैंईच आपको सुनाकर जारयेला हूं…मेरे पीछू… से मेरा दोस्त लोग है ना…. ठनठन गोपाल "बुंदेलखंडी", कालू मारवाडी, कल्लन चौधरी और महावीर बी. सेमलानी ये लोग आपकू बराबर सुनायेगा ना भाई….अब आप सुनने का भाई…
अंतरसोहिल भजन सुना रयेले हैं पत्थर की राधा प्यारी
अरे सर्किट ये वैसेईच ही है क्या जैसे ताऊ की रामप्यारी?
अरे नईं भाई ताऊ और रामप्यारी का भजन से क्या वास्ता? ये तो बहुत मस्त भजन सुनायेले हैं सुनने का आंख मींचकर…और शेखावत जी वर्डप्रेस की तरह अपना प्रोफाइल पृष्ठ बनाएं ब्लोगर पर भी बनाना बता रयेले हैं…..और भाई ताऊ पहेली - 49 : विजेता श्री रंजन जीत गयेले हैं…और संगीता जी ज्योतिष का सहारा लेकर क्या भवितब्यता टाली भी जा सकती है - 2 ?? ये बता रएली हैं…. हिमांशु भाई पराजितों का उत्सव : एक आदिम सन्दर्भ –२ के लिये बता रयेले हैं….और गगन शर्माजी बिना इन्टरनेट के हिंदी लिखने में सहायता करें पूछ रयेले हैं….
अरे सर्किट उनको बताने का ना…जा बता के आ..नईं तो आशीष खंडेलवाल जी कू भाई का नाम लेके बोलने का कि शर्माजी वो बताने का है.
हां भाई आप टेंशन नही लेने का मैं अबी की अबीईच फ़ोन घुमा रयेला है ना..भाई.
हां भाई सुनीता शानु जी बोल रहेली हैं घूरना मना है (नई दुनिया के संपादकीय पृष्ठ पर)…
सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात तो यह है कि घूरने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अब भला यह भी कोई बात हुई? कोई यह बताए कि घूरना भी कोई अपराध हुआ भला। मेरे खयाल से हमारे देश में कम से कम दस प्रतिशत दस साल के बच्चे, तीस प्रतिशत नौजवान और साठ प्रतिशत बुढ़ऊ नौजवान से हैं, जो घूरा-घूरी में लगे रहते हैं। और नित्यप्रति घूरन प्रक्रिया द्वारा आई टॉनिक लेने का उनका नियम बना हुआ है। अब ये आई टॉनिक पर भी रोक लग गई तो सोचिए देश की आँखों का क्या होगा।
इत्ती दूर से आये हैं, कुछ तो ख्याल कीजिए ऐसा शेफ़ाली पांडे जी बोल रयेली हैं भाई…
संकट का असली समय अब आया था, मात्र दो मिनट की समय सीमा में इतने सारे पहलुओं को समेटना ऐसा लगा कि जैसे लडकी देखने जा रहे हों और एक नज़र में ही उसकी खूबसूरती , चरित्र, व्यवहार, गृहकार्य की दक्षता सबकी जांच परख कर लेनी है, और मैं इस एक बात पर अक्सर आश्चर्यचकित रह जाती हूँ कि मोहल्ले में जब भी कोई नववधू आती है और उसे देखकर लौटती हुई महिलाओं से पूछ बैठो कि ''बहू कैसी है''?
तू ही बता दे जानम मेरी इस कलम की अदा क्या कम है और भाई महेंद्र मिश्र जी रोमांटिक मूड मे आगयेले हैं…बोल रयेले हैं…
जब तक बहारे आती रहेंगी, तब तक फूल खिलते रहेंगें
तेरी यादे जेहन में रहेंगी, तब तक दिल जिन्दा रहेगा.
*
न जाने हर आशना न जाने दगा कर बैठा मुझसे क्यों
हर वक्त हम से हर बार रूठा था हमसे ही न जाने क्यों.
*
नफ़रत भरे तेरे अल्फाजो से हम कई कविताएं उकेरते है
तू ही बता दे जानम मेरी इस कलम की अदा क्या है कम.
अरविंद मिश्रा जी बता रयेले हैं ......और यह है कलहान्तरिता नायिका ! (नायिका भेद -8 ) के भेद….और झा जी बता रयेले हैं ब्लौग बैठक में हुई सकारात्मक और नकारात्मक लेखन पर चर्चा
इसी क्रम में चर्चा के दौरान मैंने भाई खुशदीप और मुख्य रूप से द्विवेदी जी से प्रश्न किया कि आखिर ऐसा क्यों लगता है कि अक्सर नकारात्मक लेखन .....सकारत्मक लेखन पर
हावी हो जाता है । सबका मानना था कि ऐसा नहीं है ॥क्योंकि विवाद को जितना भी खींचा जाए ,बढाया जाए, मगर सर्वकालिक लेखन ही हमेशा याद रखा जाता है .....और उसीका लेखक भी । और फ़िर नकारात्मकता की ओर सुलभता से आकर्षित हो जाना तो मानव का स्वाभाविक चरित्र है ।
//-जो बार-बार मिलता-बिछड़ता है , -मन रूक सा जाता है.. उसका बोलना पानी के बीच घुलता जाता है.-एक नया मौसम इस मौसम के विरुद्ध हो जाता है... ताना बाना पर विधु जी लिखेली हैं…
...अभी-अभी धूप थी ओर बस अभी बूंदा-बांदी शुरू ---पानी की हल्की बूंदों के पार खूबसूरत अंदाज में पिघलती कुछ सपाट आकृतियाँ आकार लेती है शाम की शुरुआत होना ही चाहती है,अध् पढ़ी कहानी का पृष्ट बिन मोड़े ही वो गोद में उलट देती है ..तुरंत ही गलती का अहसास ,अब फिर सिरा ढूँढना होगा दुबारा शुरू करने के पहले,-कहाँ छोड़ा था,क्या ये मुमकिन होगा शुरुआत से पहले छूटे हुए कथा सूत्र को पकड़ पाना,एक ख्याल गाथा नया सिरा पकड़ लेती है , उधेड़बुन के साथ -सच कुछ भ्रम भी जरूरी है अच्छे से जीने के लिए ..पर मन की तरह मौसम भी बेहद खराब है,यहाँ ..ओर वहां ?इस सवाल का जवाब उसे नहीं मिलना था जो नहीं होगा उस इक्छा की तरह ..
शोकगीत: नाथ मुझे क्यों / किया अनाथ? संजीव 'सलिल पर माताजी की प्रथम पुण्य तिथी पर श्रद्धांजली दे रयेले हैं…
अरे सर्किट अपुन की तरफ़ से भी माताजी को श्रद्धांजली देने का.
हां भाई मैने देदिया ना आपकी तरफ़ से..आप टेंशन नईं लेने का भाई…माताजी को श्रद्धांजली और विनम्र नमन मैं कर दियेला है….और भाई अब वकील साहब तीसरा खंबा पर बता रयेले हैं जिरह के बाद आत्महत्या के मामले में जज की जिम्मेदारी क्यों न तय हो? ……
कल अदालत में खबर पढ़ी "बलात्कार की शिकार महिला से अदालत में ऐसे सवाल-ज़वाब हुये कि उसने खुदकुशी कर ली"।
खबर पढ़ कर मन खट्टा तो हुआ ही लेकिन हमारी न्याय-प्रणाली पर क्षुब्धता उत्पन्न हुई। आखिर वह कौन जज था जिस ने मुकदमे की आदेशिका में यह नोट लगाया कि 'खुदकुशी करने से ठीक पहले महिला के साथ कोर्ट में इस तरह के सवाल पूछे गए थे कि वो पूरी तरह से टूट गई', लेकिन उस तरह के सवालों को पूछने से सफाई पक्ष के वकील को नहीं रोक सका।
अबी अनिल पूसदकर भाई शिकायत कर रयेले हैं..भगवान ने उनके साथ कुछ लोचा कर दिया होयेंगा ये भगवान भी देखो एड्रेस गलत दे कर हम भक्तों को परख रहा है…..कविता जी बता रयेली हैम प्रेम न हाट बिकाय…..और विवेक रस्तोगी जी हमारी पिछली पोस्ट “हमने अपना फ़्लैट शिफ़्ट किया और मुंबई में लोगों को बहुत करीब से देखा देखिये और बताईये कि आपका नजरिया क्या है…. उत्तर भारतीय और मराठी मानुष” …. पर आई टिप्पणियों पर हमारे विचार… बता रयेले है.. शेयर बाजार के खतरों से आगाह कर रयेले हैं शिवम मिश्रा जी हर रोज नई चाल दिखा रहा है बाजार ……वडनेरकर जी बोल रयेले हैं शुक्रिया दोस्तों,ब्लागिंग चलती रहेगी[बकलमखुद-115
अरे सर्किट इत्ती देर होगयेली आज कोई गीत की पोस्ट नई दिख रयेली क्या?
अरे भाई बस ये सामने ही अल्पना जी की पोस्ट आगयेली है चिठ्ठी ना कोई संदेस़ …यहां ये गाना सुनने का…और शाश्त्री जी प रयेले कि "क्या हिंदी व्याकरण के कुछ नियम अप्रासंगिक हो चुके हैं?" (चर्चा हिन्दी चिट्ठों की)….
अरे तो सर्किट…बता ना..शाश्त्रीजी को बता….
अरे भाई अपुन कोई व्याकरण पढेला लिखेला थोडीईच है? अपुन क्या बतायेगा?…..भाई राजतंत्र पर ग्वालानी जी काश एक बार वो फिर मिल जाती.... पता नई किस हंसीना को याद कर रयेले हैं?…..
अरे सर्किट..गवालानी जी कू बोल ..इस तरह पुरानी हंसीनाओ को नई याद करने का…बस सिर्फ़ भाभी को याद रखने का… क्या ?
अरे भाई आप काहे कू टेंशन लते..मैं पहलेईच बोल दिया ना उनको…और वो बोल भी दियेले हैं कि ऐसी कोई बातईच नई है…
और भाई उडनतश्तरी को आजकल मायूस होना अच्छा लगता है क्या? भौत अच्छा लग रयेला है….
उसी भीड़ में खोये मेरे अपने. उनकी अपनी भीड़ की गठरी है महत्वाकांक्षाओं की, अपने दायित्वों की, अपने और ज्यादा अपनों की परवरिश की. वैसे ही धक्का लगता है, जब मिलते हैं तो पहचान कर भी पहचान नहीं पाते. बस, मुलाकात होती है, बात होती है और उस दौरान हर पल तलाश होती है उस अपने की, जो ऐसा नहीं था जिससे मैं अभी बात कर रहा हूँ, अभी मुलाकात कर रहा हूँ.
शेखावतजी डाउनलोड करें विंडो 7 की थीम विंडो एक्सपी के लिए करवा रयेले हैं और रस्तोगी जी बता रयेले कि फ़ोरेनरों को उनके देश से पढ़ा के भेजा जाता है कि “भारतीय चोर होते हैं”, और वे खुद… अब आपईच समझ लेने का भाई…और अशोक पांडे जी बता रयेले की बकरी के बच्चों को दूध पिलाती है गाय और भाई अब एक नया चित्रकार आयेला है..आपकू भी तस्वीर बनवाने की होयेंगी तो बताने का…
अरे सर्किट ताऊ की तरह पहेलियां नईं बुझाने का मेरे कू साफ़ साफ़ बताने का..ये क्या हो रियेला है बाप…
मुझे मिल गई मम्मी की आई लाईनर... चित्रकारी करने के लिये और क्या चाहिये होता है? क्या कहा कैनवास? अरे घर में इतनी सारी जगह है.. और आप कैनवास की बात करते है... देखिये मेरी चित्रकारी का एक नमुना.. ये काम अभी शुरु ही किया है तो क्लेक्शन में ज्यादा आईटम नहीं है.. अभी तो इसे ही निहारिये
वीर बहुटी पर निर्मला जी गजल पढवा रयेली हैं…और अल्बेला खत्री मालामाल हो गयेले हैं..अरे बाप रे ! शरद कोकासजी ! आपने तो निहाल कर दिया - मालाएं इतनी पहनादी की मालामाल कर दिया…… और राज भाटिया जी शिकायत कर रयेले हैम अन्ताक्षरी ६ गीतो भरी की…..और भाई झटका को मच्छर काटते रहे पूरी फ़्लाईट में : आपकी कसम…कसम खाकर बोल रयेला है भाई..मतलब सही ई बोल रयेला होयेंगा…..
और दिगंबर नासवा जी आस्था आदर्श पर .. बता रयेले हैं..
जगमगाती रौशनी और शहर के आकर्ष पर
बन गए कितने फ़साने जुस्तजू संघर्ष पर
छू लिया क्यों आसमान सड़क पर रहते हुवे
उठ रही हैं उंगलियाँ उस शख्स के उत्कर्ष पर
मर गया बेनाम ही जो उम्र भर जीता रहा
सत्य निष्ठां न्याय नियम आस्था आदर्श पर
और विनीता यशस्वी कस्तूरी मृग : उत्तराखंड का राजकीय पशु के बारे में बता रयेली हैं भाई….
इसके जीवन पर पैदा हो रहे संकट के चलते इसे `इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर एंड नेचुरल रिसोर्सेस´ ने `रैड डाटा बुक´ में शामिल किया गया है। भारत सरकार ने भी वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत इसके शिकार को गैरकानूनी घाषित कर दिया है। इंडियन वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने जिन 13 वन्य प्राणियों के जीवन को खतरे की सूची में डाला है उसमें से कस्तूरी मृग भी एक है।
यदि अभी भी इस जानवर को बचाने के प्रयास गंभीरता से नहीं किये गये तो जल्द ही उत्तराखंड का यह राजकीय पशु शायद सिर्फ तस्वीरों में ही नज़र आयेगा।
पारुलजी ने दुआ करना सिखायेला है …पारूल…चाँद पुखराज का…… – पर और अंतरसोहिल पर्यावरण प्रदूषण (समस्या और कारण)2 के बारे मे बता रयेले हैं… घुघूतीबासूती पर श्लील और अश्लील लेख लिखेली हैं …..और संगीता जी ज्योतिष का सहारा लेकर क्या भवितब्यता टाली भी जा सकती है - 3 ?? बता रयेली हैं…और संचिका पर लवली जी
मिथकों का मानव के अवचेतन पर प्रभाव – 1 के बारे मे बता रयेली हैं…
और भाई आपको टिप्पणी एक जगहईच पढने का आनंद लेना होयेंगा तो टिप्पू चच्चा के ब्लाग पर जाने का….चच्चा एक से एक टीप्पणि ढूंढकर लायेला है उसके ब्लाग पर चच्चा टिप्पू सिंह हाजिर है! सब लोगन को टिप..टिप....! बडा मस्त लिखेला है चच्चा टिप्पु सिंह…
पण सर्किट ये टिप्पुसिंह चच्चा कौन है क्या है?.
भाई ये तो किसी कू बी नईं मालूम…पर चचा बाते बडी मस्त करता है….
ये लो जी …आगये आपके चच्चा टिप्पू सिंह टिप टिप करते करते…ऊ का है ना कि आजकल सर्दी बडा हुई गवा त हमको बडा मुश्किल हुई गवा। अब बच्चा लोग आप त जानबे ई करते हो कि बुढौती का सबसे बडा दुश्मन जाडा ही हुआ करत है। वैसे हमारे दुश्मन तो ई सोचके ई खुश हो लिये होंगे कि चच्चा तो सर्दी मे निपट निपुटा गये होईहैं?
तेरी दुनिया के निराले, दस्तूर हैं.. ये मीत बता रयेले हैं…और राज भाटिया जी एक जरुरी सुचना सभी कवि लोगो के लिये दे रयेले हैं….अंतर्मन पर एक ब्लॉग, ब्लोगर द्वारा, ब्लोगर्स के लिए लिये लिखेली है…डॉ टी एस दराल…उनकी ये ५१ वी पोस्ट है…
अरे सर्किट ..तो डाक्तर साहब को बधाई दे डाल ना रे…
भाई आप काहे कू टेंशन ले रयेले हैं? मैं अबी की अबी देके आया ना बधाई डाक्टर सहब कू..और कल दिल्ली मे जाके रुबरु बी देदेगा….वो मुन्नी मेंटेन से बी मिलने जाने का है ना तो खुशदीप भाई के साथ डाक्टर साहब को ले जायेंगा ना मैं….
और अलग सा पर शर्मा जी ये भी खूब रही :) :) :) बता रयेले हैं….और अंधड पर गोदियाल जी पूछ रयेले और हमारे संचार माध्यम कब सुधरेंगे ?…..अनिलकांत जी संभव है तुम्हें ये निरर्थक लगे बोल रयेले हैं….
आज अदाजी ने आँचल और घूंघट पोस्ट लगायेली है…
आज की नारी को रोक पाना असंभव है....अगर वो सही रास्ते पर है तो.....जाहिर सी बात है...अपनी व्यक्तिगत योग्यता भी मायने रखती है....किसी भी तरह के निर्णय के लिए.....
बचपन में जब मैं दादा-दादी के घर जाती और कोई कुछ बेचने आता तो दादा जी उससे चीज़ें लेकर अन्दर भेजा करते थे...दादी के approoval के लिए अगर दादी ने हाँ कहा तो ही वो चीज़ खरीदी जाती थी वर्ना नहीं......सबको लगता था की दादा जी की चलती है लेकिन असल में पूरे घर का हैंडल दादी के ही हाथ में था.....
फिर देखा माँ को ..मेरी माँ तो खैर क्लास वन ऑफिसर थी...३ जिला की विद्यालय निरीक्षिका थी.....अब अवकाश प्राप्त कर घर पर हैं........इसलिए हर निर्णय वो खुद ही करती थी/हैं .....लेकिन जब भी मेरे दादा जी आते थे वो सर पर आँचल ज़रूर रखती थी...इसलिए नहीं कि वो बाध्य थी ...बल्कि इसलिए कि यह एक तरीका है आदर जताने का....अब कोई इसे उनकी कमजोरी समझे तो यह उस व्यक्ति सोच की कमी है...
ज्योतिषी कोई भगवान तो नहीं कि आपके भाग्य को बदल डाले .... ये बता रयेले है प.डी.के.शर्मा “वत्स” जी….
किसी भी राशी के अनुसार जो भविष्यफल बताया जाता है वो तात्कालीक ग्रह गोचर भ्रमण के अनुसार होता है । जब कि आपकी जन्मकुंडली जो कि आपके जन्मकालीन ग्रहों पर आधारित होती हैं, वास्तव में वो ही आपके समस्त जीवन का सार है । आप अपने पूर्वार्जित कर्मों के अनुसार जन्म के साथ ही जो कुछ भी हानि-लाभ,सुख-दुख, कर्म-अकर्म, भाग्य-दुर्भाग्य इत्यादि के रूप में अपने साथ संग्रहित कर के लाते हो---उसे जानने का एकमात्र माध्यम सिर्फ आपकी जन्मकुंडली ही है । उसी के आधार पर आपको अपने भावी जीवन में फल की प्राति होती है ।
दिल्ली ब्लोग बैठक में हुआ फ़ोटो शूट (आखिरी रपट) ये झा जी ने जारी किये हैं…कल दिल्ली जाके मैं झा जी से बी मिलेंगा ना भाई….आप ये फ़ोटो देखने का भाई…
और ये पोस्ट भी अजयकुमार झा जी ने अपने ई अंदाज मे लिखेली है भाई..जरुर पढने का….फ़िर खेती बाडी पर चाय तो रोज पीते होंगे... कभी चर्चा भी की है.. पोस्ट लिखेली है…और भाई विवेक रस्तोगी ब्लॉगिंग के कीड़े के कारण अपने सारे कमिटमेंन्ट्स की वाट लग गई…
अरे सर्किट..ब्लागिंग का ये तो साईड इफ़ेक्ट होताईच है ना…अब ब्लागिंग करेंगा तो तुम दूसरों की वाट लगायेंगा और ब्लागिंग तुम्हारी वाट लगायेगीईच…मैं तो तेरे को बी पहले ई बोल रयेला था कि ये वाट लगाने लगवाने का काम दिख रयेला है मेरे कू तो….
हां आप सही बोल रयेले भाई..पण आप टेंशन नईं लेने का..मैं है ना…मैं सब संभाल लेगा…
शीरीं-फरहाद .......ये कविता लिखेली है हरकीरत जी ’हीर’ ने
फरहाद.........
शीरीं का सब्र टूट पड़ा था
वह बेतहाशा दौड़ पड़ी
तेशा रुका , हथौड़ा थमा
आँखें मिलन की आस में
चमक उठीं ....
जी चाहा ...दौड़कर भींच ले
मोहब्बत को सीने में
पर वचन ने मुँह मोड़ लिया
तेशा फ़िर चलने लगा
पहाड़ टूटने लगा
बेताब धड़कने
फ़िर मिलन की आग में
जलने लगीं.......
हमारे सांसद, हमारे बच्चे...खुशदीप ये बता रयेले हैं…
हमारे सांसद-
लोकसभा में करोड़पति सांसदों की संख्या दोगुनी हो गई है...वर्ष 2004 में लोकसभा में सिर्फ 156 सदस्य करोड़पति थे...2009 में ये संख्या बढ़कर 315 हो गई है...लोकसभा में करोड़पति सांसद की औसत आय 2004 में एक करोड़ 86 लाख रुपये सालाना थी जो 2009 में बढ़कर 5.33 करोड़ रुपये हो गई है...सांसदों की औसत संपत्ति 2004 में एक करोड़ 92 लाख रुपये थी जो 2009 में चार करोड़ अस्सी लाख हो गई...20 फीसदी सांसदों के पास पांच करोड़ रुपये की औसतन संपत्ति है...50 फीसदी सांसदों के पास 50 लाख से पांच करोड़ रुपये की औसतन संपत्ति है...
हमारे बच्चे...
देश के साढ़े पांच करोड़ बच्चे कुपोषण के शिकार हैं यानि उनका वजन उम्र के हिसाब से कम है..देश में रोज़ पांच साल से कम उम्र के पांच हज़ार बच्चे कुपोषण से दम तोड़ देते हैं...हर साल जन्म के पहले महीने में मरने वाले बच्चों का सालाना आंकड़ा दस लाख बैठता है...पांच साल से नीचे के दस लाख और बच्चे हर साल मौत का शिकार होते हैं...बच्चों की हालत को लेकर भारत का दुनिया में 49 वां नंबर है...
अरविंद मिश्रा जी अबी नायिका भेद बता रयेले हैं…प्रेमातुर नायिका है अभिसारिका!(नायिका भेद –९
-वाह ,ऐसी नायिका की हिम्मत के क्या कहने !निर्भय ,सापो से भी घिरी मगर कितना समर्पित है वह अपने प्रेम और प्रियतम के प्रति ! राकेश गुप्त ने ऐसी नायिका की तारीफ में कुछ पंक्तियाँ यूं लिखी हैं ...
दो उन्नत उरोज आतुर थे
आलिंगन में कस जाने को ;
फड़क रहे अधरोष्ठ पिया के
प्रियतम के चुम्बन पाने को ;
चंचल थे पद चक्र कामिनी -
अभिथल तक पहुचाने को ;
तन से आगे भाग रहा मन
मनमोहन में रम जाने को
राजकुमार ग्वालानी झी भारतीय महिला हॉकी में अभी जान है बाकी ये बता रयेले हैं….हिमांशु भाई पराजितों का उत्सव : एक आदिम सन्दर्भ –३ आगे बता रयेले हैं…और आदि चित्रकारी के बाद अब योगा कर रयेला है योगा विद आदि….
मतलब बता रयेले हैं श्यामल सुमन जी मनोरमा पर…
मतलब पर मत लव को खोल।
हो सकता है सब कुछ गोल।
मतलब पूरे तो मिठास संग,
लव खोलो, मत लब लब बोल।।
एक भीख मांगता बच्चा शिल्पकार के मुख से ..पर बता रयेले हैं ललित शर्मा जी……
धुप में
झुलसता हुआ
रेत की आग में
जलता हुआ
एक भीख मांगता बच्चा
और भाई अब अदाजी फ़िल्म अभिलाषा का ये 'अदा'.....वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाहें ... सुनवा रयेली हैं….मस्त सुनने का…
वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाहें
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
वादियाँ मेरा दामन ...
जब हँसेगी कली रंग वाली कोई 2
और झुक जायेगी तुमपे डाली कोई
सर झुकाए हुए तुम मुझे पाओगे
वादियाँ मेरा दामन रास्ते मेरी बाहें
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
वादियाँ मेरा दामन ...
अनवरत पर वकील साहब बहुत मार्मिक पोस्ट लिखेले हैं उमंगों की उम्र में कोई क्यों खुदकुशी कर लेता है? जरुर पढने का भाई….इसके बाद शेखावत जी अब ब्लोगिंग के साथ करें कमाई भी ! पैसा कमाने की स्कीम बता रयेले हैं..जहां पर गुरु चेले मिलकर ताऊ टिप्पणी खेंचू ताबीज बेच रयेले हैं भाई….
हमने तो इस तरह अपना स्टोर खोल लिया है | जिसे आप यहाँ चटका लगाकर देख सकते है |और वहां हमारे गुरुदेव श्री श्री 1008 बाबा ताऊ आनद द्वारा बनाया गया एक टिप्पणी खेंचू ताबीज बेच रहे है अभी नई-नई दुकान खोली है इसलिए दुकान व उत्पाद के प्रचार के लिए यह फ्री में दे रहे है आप भी स्टॉक ख़त्म होने व रामप्यारी द्वारा इस पर कोई शुल्क लगाने से पहले ले आईये |तो फिर देर किस बात की अब इस Add to cart बटन पर चटका लगा ही दीजिए | साथ ही इस तरह दुकानदारी करने का उदाहरण भी देख आईये |
आच्छादित आकाश ये पोस्ट लिखेली है…M.A.Sharma "सेहर"..
रोज की दिनचर्या से खीजता ,झुंझलाता , परिस्थितयों से समझौता ना बैठा पाता संजोग ...अक्सर सुमिता पर ही खीजता ।
लम्बे समय से सुमिता चुपचाप सब कुछ समझने का नाटक करती हुयी उस दिन का इंतज़ार कर रही थी की कब संजोग के अन्दर का हहराता हुआ, अवसाद का सागर बाहर निकल कर शांत हो जायेगा, वक्त के साथ थम जायेगा और वो उसके प्रेम को समझ पायेगा ...
कपिला जी एवं पंकज जी के जन्म-दिवस पर विशेष व्यवस्थाएं जबलपुर ब्रिगेड बधाई दियेली है…..
अरे सर्किट अपनी तरफ़ से बी बधाई दे डाल ना…
अरे भाई आप काहे कू टेंशन लेता है..मई देदियेला है ना बधाई…
पण सर्किट ये फ़ोटो तो तू किदर से बी गलत ऊठा के ले आयेला है…ये तो संजय भाई की फ़ोटो लग रयेली है…पंकज भाई की नईं….
हां भाई मैं अबी फ़ोन करके बोलता ना..आप टेंशन नईं लेने का..
भाई अबी गोदियाल जी पूछ रयेले क्या आपका खून नही खौलता ? …और आनंद पाठक बता रयेले हैं संसद में हाथापाई : एक गीतिका….और मुरारी पारीक नेपाली इंग्लिश शो इवनिंग मंत्र !! बोल के बता रयेले हैं….
और भाई फ़र्रुखाबादी हेट्रिक विजेता (123) : उडनतश्तरी बन गयेले हैं…और संजय ग्रोवर जी प्रार्थना कर रयेले हैं मोहे अगला जनम ना दीजो-2…..और पाबलाजी बता रयेले हैं गजरौला टाईम्स में 'कवितायें' …छपेली हैं… और वह फिर जी उठा ये बता रयेली हैं..घुघूतीबासूती जी….और भाई खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (124) : रामप्यारी मे कुछ गधे पकड लाई है..जरा देखने का
और पूछ रयेली है ये खेत किस चीज का है…..?
अरे सर्किट..मेरे कू तो ये गधों का खेत लग रयेला है?
अरे नई भाई ये कोई तो भी सेव अमरुद का खेत है…पण अपने को क्या करने का…? जो बतायेगा वो जीतेंगा…पण रामप्यारी ने वो प.डी.के.शर्मा “वत्स” पर जुर्माना ठोके दियेला है भाई…और पंडितजी जुर्माना नईं दे रयेले हैं और दंड ब्याज बढते जा रयेला है भाई..
अरे सर्किट तू जमा करा देना पंडितजी का जुरमाना?
पण भाई मेरे को अबी की अबी दिल्ली निकलना है ना मुन्नी भाभी को मिलने ..वापस लौट के देखता मैं…पंडितजी से आपकी शादी का मुहुर्त भी तो निकलवाने का है ना भाई..जुर्माने की रकम उस फ़ीस मे से काट लेंगे भाई…
और भाई ताऊ को और रामप्यारी को मच्छरों ने चटका डाला…दिल्ली ब्लागर सम्मेलन के बाद ताऊ ने रिपोर्टिंग से तौबा की
वो मच्छर बोला - प्रिये, तुम भी कभी कभी बहुत नादानी करती हो? ये गंवार ताऊ है...कोई पढा लिखा थोडी है? अरे इसके खून मे किक ज्यादा है..तुम्हारी तबियत कहीं खराब ना हो जाये इतना शुद्ध देशी हरयाणवी खून पीकर? और अभी तो तुम आराम करलो...भोपाल के बाद यह ताऊ इंदौर तक जायेगा...तब भोपाल इंदौर के बीच पी लेना इसका बाकी खून... उस मच्छर प्रिया सुर्पणखां को जब यह मालूम पडा कि अभी तो बहुत देर है सो वो उस मच्छर के कंधे पर सर टिका कर सोगई..
ये सर्किट तू बी तो हवाईजहाज से जारयेला है ना दिल्ली? तेरे कू बी वो मच्छर काटेंगा तो क्या होयेंगा…
अरे भाई आप टेंशन काहे कू लेता? मैने ओडोमोस खरीद के रख लियेला है भाई….अच्छा भाई अब मैं चलता…खुशदीप भाई का फ़ोन आये तो बोल देने का कि सर्किट दिल्ली के लिये निकल गयेला है…और वहां पहु्च के फ़ोन मारेगा…
26 टिप्पणियाँ:
मुन्ना भाई बहुत झकास चर्चा कियेला हे-अपुन तो आज तलक एइसा चर्चा नैइ देखेला भाई, सबका चर्चा फ़ेल करेला हे, चल सन्डे को अपुन धोबी घाट पे पटिया पे बैठा के तेरे को पार्टी देगा, टेंशन नैइ लेने का फ़ुल इंतजाम होएगां,एक दम झकास आईटम चखना के साथ।
25 नवंबर 2009 को 10:30 pm बजेक्या सॉलिड कवरेज कियेला है रे भाई...बाप रे बाप!!! कितने ब्लॉग का चक्कर लगाया कि पढ़ने वाले को चक्कर आ जाये...धन्य हुए. इतना जबरदस्त विस्तार.मस्त कर दिया.साधुवाद सर्किट...:)
25 नवंबर 2009 को 10:53 pm बजे24 घंटे का पूरा ब्लाग जगत एक ही चिट्ठे में समेट लिया आपने .. पूरा समय देकर पूरे विस्तार से चर्चा की है .. बहुत अच्छा लगा पढकर !!
25 नवंबर 2009 को 11:01 pm बजेमस्त चर्चा.. बहुतों को लपेट लिया.. टेस्ट मैच हो गया....
25 नवंबर 2009 को 11:13 pm बजेपर सर्किट एक गड़बड़ हो गई है... पंकज भाई के ब्डे पर संजय जी का फोटू छप गया है...
so nice sarkit yaar...so awesome...
25 नवंबर 2009 को 11:28 pm बजेये सर्किट, अबि दिल्ली जाके क्या करेला है बाप। मीटिंग तो खलास हो गेला मामू:)
25 नवंबर 2009 को 11:30 pm बजेमामू गज़ब बगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना अब पंकज संजय दौनों बेगाणी हैं की नईं एक झक्कास चर्चा जय हो जय हो
26 नवंबर 2009 को 12:08 am बजेachcha sametala ....
26 नवंबर 2009 को 12:12 am बजेऔरतों की तरह से समीर लाल जी के पेट में भी कोई बात नहीं पचती....आपस की सारी बातें सर्किट को बता डाली :) गलत बात्!
26 नवंबर 2009 को 2:29 am बजेहाँ तो सर्किट कहो तो मुहुर्त अभी निकाल देते हैं...हमारे पास रेडिमेड मुहुर्त भी रखे हुए हैं ।
भाई के लिए लडकी देखने बाद में फिर कभी चले जाना :)
वाह सर्किट भाई ! आज तो भाई को चिटठा चर्चा का बहुत बड़ा डोज दिए हो |
26 नवंबर 2009 को 6:48 am बजेशानदार विस्तृत चर्चा |
बहुत ही विस्तार से चर्चा कर डाला भई । कितनी अपडेट्स लेते हैं, फिर संकल्प करते हैं कि इसे प्रकाशित कर दूँ ।
26 नवंबर 2009 को 6:50 am बजेचर्चा में इतने लिंक मिले कि कहीं और जाने की जरूरत ही नहीं पड़ी । आभार ।
ये तो जादू की झप्पी है मुन्ना भाई -ये ब्लॉग कब से शुरू होए रिएला भाई-हमें काहें कू नहीं बताया!!ये तो मस्त मस्त है ! बहुत मिहनत किया न मुन्ना भाई ?
26 नवंबर 2009 को 8:45 am बजेबहुत खूब, विस्तृत तारीफेकाबिल मेहनत की आपने सर्किट भाई !
26 नवंबर 2009 को 8:59 am बजेगजब की है चर्चा
26 नवंबर 2009 को 9:24 am बजेछूटा नहीं कोई पर्चा
अरे सर्किट..ब्लागिंग का ये तो साईड इफ़ेक्ट होताईच है ना…अब ब्लागिंग करेंगा तो तुम दूसरों की वाट लगायेंगा और ब्लागिंग तुम्हारी वाट लगायेगीईच…मैं तो तेरे को बी पहले ई बोल रयेला था कि ये वाट लगाने लगवाने का काम दिख रयेला है मेरे कू तो….
26 नवंबर 2009 को 9:54 am बजेवाह सर्किट भाई आप तो छा गयेले बाप...पूत के पांव पालने मेंईच दिख रयेले हैं बाप.:)
रामराम.
मटकी मे समंदर,वो क्या कहते है गागर मे सागर भर दिया है आज तो मुन्ना भाई।
26 नवंबर 2009 को 10:55 am बजेरे सर्किट...अपुनच को बोलइच भी नहीं और दिल्ली का टिकट कटा लेला...बोलना तो मांगता न...तिहाड़ से मिलाई का टाइम लेना पड़इच या नहीं...तिहाड़ में मुन्नी मेंटेन के लिए मुन्ना भाई के रिश्ते की ख़बर उड़ेले पर क्या भंकस है भीड़ू...सारे टपोरी मुन्ना भाई को जीजा बोल भाईगीरी सीखने का पपलू फिट करने का जुगाड़ में है भाई...मुन्नी मेंटेन तो अभी से मान्यता को उड़ाने का प्लान बनाने में लगेली है...
26 नवंबर 2009 को 11:27 am बजेजय हिंद...
सर्किट भाई कमाल की चर्चा करते हैं आप तो. बस टोपी उतार सलाम करता हूं आपको.
26 नवंबर 2009 को 1:41 pm बजेसच मे कमाल की चर्चा है इतनी लम्बी चर्चा तो शायद किसी चर्चा के ब्लाग पर नहीं होती। धन्यवाद
26 नवंबर 2009 को 9:37 pm बजेअच्छा तो इधर है सर्किट ... कुक्की बॉस को पता नही .. । ठीक है देखते है
26 नवंबर 2009 को 9:52 pm बजेक्या धाँसू चर्चा की है, बहुत बढ़िया है जी।
27 नवंबर 2009 को 6:47 pm बजेओह सर्किट भाई अपुन का फोटो भी लग गई अपुन खुश हुए . सर्किट जी चाहता है अपुन तुपन को गले लगाल्ले रे भाईई .खुश होकर टिप्पी भेज रहा हूँ रे .अपुन का ख्याल रखना बाबा रे ..
27 नवंबर 2009 को 7:09 pm बजेबहुत बढ़िया धाँसू चर्चा.,,.
आईला !!
27 नवंबर 2009 को 7:41 pm बजेमस्त मस्त मस्त मस्त
मस्त मस्त मस्त मस्त
मस्त मस्त मस्त मस्त
मस्त मस्त मस्त मस्त
मस्त मस्त मस्त मस्त
काय रे सर्किट, तेरे को क्या समीर भाई ने सुपारी दियेला है.....क्या ....!!
बाकि चर्चा वालों को टपकाने का है क्या....??
अबी ऐसा करेंगा तो बाकि चर्चा वाला भाई लोग क्या करेंगा......बोलो......तेल बचेंगा क्या....!!
अरे बीड़ू...ऐसा नई करने का रे बाबा......समझा कर...
भाई आप काहे कू टेंशन ले रयेले हैं? मैं अबी की अबी देके आया ना बधाई डाक्टर सहब कू..और कल दिल्ली मे जाके रुबरु बी देदेगा….वो मुन्नी मेंटेन से बी मिलने जाने का है ना तो खुशदीप भाई के साथ डाक्टर साहब को ले जायेंगा ना मैं….
6 सितंबर 2013 को 5:21 pm बजेCredit Card in Hindi
7 जून 2019 को 8:13 am बजेUPI in Hindi
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7 जून 2019 को 8:13 am बजेGDP in Hindi
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